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बैंकों को बाजार से पूंजी जुटाकर बैलेंसशीट मजबूत करने का निर्देश

वित्तीय सेवा विभाग के सचिव ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अधिकारियों के साथ किया मंथन। RBI ने भी पहले ही कहा था बाजार से पूंजी जुटाकर बैलेंसशीट मजबूत करने को। इससे बैंकों को कारोबार विस्‍तार में मदद मिलेगी।

By Ashish DeepEdited By: Published: Sat, 23 Apr 2022 12:30 PM (IST)Updated: Sun, 24 Apr 2022 09:04 AM (IST)
बैंकों को बाजार से पूंजी जुटाकर बैलेंसशीट मजबूत करने का निर्देश
बैंकों को अपना कारोबार बढ़ाने पर सोचना चाहिए। (Pti)

नई दिल्ली, पीटीआइ। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) से कहा कि वे बाजार से पूंजी जुटाकर अपनी बैलेंसशीट को मजबूत करें। पूंजी बढ़ने से बैंकों को अपने कारोबार का विस्तार करने और प्रोडक्टिव सेक्टर को ज्यादा कर्ज देने में मदद मिलेगी। वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) सचिव संजय मल्होत्रा ने मंथन 2022 में पीएसबी के शीर्ष अधिकारियों को संबोधित किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक लाभ कमाने समेत सभी मानकों पर बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास करेंगे।

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बैंकों से पूंजी जुटाकर उधार देने की क्षमता बढ़ाने को कहा

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी हाल में बैंकों से पूंजी जुटाकर उधार देने की क्षमता बढ़ाने को कहा था। मल्होत्रा ने कहा कि बैंक अपनी बैलेंसशीट को मजबूत करें। उन्होंने सुझाव दिया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को आपस में अधिक सहयोग करना चाहिए और बड़े बैंकों को छोटे बैंकों का मार्गदर्शन करना चाहिए।

मंथन 2022 का आयोजन किया गया

भारतीय बैंक संघ (आइबीए) ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शीर्ष अधिकारियों के साथ क्षेत्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श तथा नए सुधारों को आगे बढ़ाने को लेकर मंथन 2022 का आयोजन किया गया। इससे पहले, इसका आयोजन 2019 में हुआ था। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का पहला मंथन कार्यक्रम 2014 में हुआ था। मल्होत्रा ने सुझाव दिया कि बैंकों को दीर्घकालीन लाभ और ग्राहक को केंद्र में रखने वाली रणनीतियों पर गौर करना चाहिए।

3.3 ट्रिलियन रुपये से अधिक का निवेश करने के लिए मजबूर होना पड़ा

फंसे कर्ज संकट से निपटने में मदद करने के लिए सरकार को वित्त वर्ष 2016 और वित्त वर्ष 21 के बीच सरकारी बैंकों में 3.3 ट्रिलियन रुपये से अधिक का निवेश करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। चालू वित्त वर्ष के लिए, हालांकि, सरकार ने किसी भी कैपिटल फ्लो का बजट नहीं किया है, क्योंकि वित्त वर्ष 2012 की पहली तीन तिमाहियों में किसी भी सरकारी बैंक ने नुकसान दर्ज नहीं किया है। 


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