आसान हुई राह, एनपीएस में निवेश के लिए SBI ने दी ऑटो डेबिट की सुविधा
SBI ने ग्राहकों को एनपीएस खाते में योगदान करने के लिए ऑटो डेबिट की सुविधा दी है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने ग्राहकों को नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) खाते में योगदान करने के लिए ऑटो डेबिट की सुविधा दी है। एनपीएस पर कोई निर्धारित ब्याज दर नहीं है बल्कि यह पोर्टफोलियो में एडजस्टमेंट कर मार्केट लिंक्ड रिटर्न देता है।
एनपीएस सदस्यों को खुद का पोर्टफोलियो डिजाइन करने के लिए दो ऑप्शन्स देता है- ऑटो च्वाइस और एक्टिव च्वाइस। एसबीआई की ऑटो डेबिट या ऑटो विड्रॉ सुविधा के जरिए ग्राहक बैंक को बताता है कि वह एनपीएस खाते में नियमित समय पर निर्धारित राशि क्रेडिट कर दें।
क्या है ट्वीट
एनपीएस खाते के प्रकार-
एनपीएस के दो तरह के खाते टायर 1 और टायर 2 होते हैं। टायर 1 पेंशन खाता होता है जिससे निकासी नहीं की जा सकती। वहीं टायर 2 निवेश खाता होता है जिससे निकासी की जा सकती है। टायर 1 खाते पर टैक्स बेनिफिट्स भी मिलते हैं जबकि टायर 2 पर टैक्स संबंधित कोई बेनिफिट नहीं होता। एनपीएस खाता 18 वर्ष से लेकर 65 वर्ष की आयु के बीच में कभी खुलवाया जा सकता है।
निवेश प्रकार का चुनाव-
एनपीएस के तहत निवेशक इस बात का फैसला कर सकता है कि पैसा कहां लगाना है। मसलन, सब्सक्राइबर यह तय कर सकता है कि किस एसेट क्लास जैसे इक्विटी फंड और सराकरी सिक्योरिटीज, में कितना निवेश करना है।
एसबीआई की ऑटो डेबिट या स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन (एसआई) सुविधा एसआईपी (सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान) की तरह होता है। इसमें निवेश म्युचुअल फंड में निर्धारित समय पर रकम निवेश करता है। इच्छुक सब्सक्राइबर्स स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन (ऑटो डेबिट) के लिए रजिस्टर कर सकता है। इसमें बैंक मासिक एनपीएस योगदान के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों की सुविधा होती है। ऑनलाइन ऑटो डेबिट फैसिलिटी के लिए यूजर को एसबीआई के इंटरनेट बैंकिंग पोर्टल पर एनपीएस कॉन्ट्रिब्यूशन के ऑप्शन पर जाना होता है। वहीं ऑफलाइन मोड में निवेशक को फिजिकल फॉर्म भरकर एसबीआई की एनपीएस के लिए रजिस्टर्ड शाखा में जमा करना होता है।