Move to Jagran APP

एसबीआई में जनधन खाता है तो चेक कर लें कहीं कोई रकम फालतू तो नहीं कट गई, बैंक ने जारी की सफाई

एसबीआई ने यह भी कहा कि 13.76 करोड़ की FI ग्राहक संख्या के साथ SBI भारत सरकार की वित्तीय समावेशन (फायनेंशियल इन्क्लूजन - FI) पहल में सबसे आगे रहा है। 70193 बैंक मित्रों के मजबूत नेटवर्क द्वारा इन ग्राहकों को सेवाएं प्रदान की जाती हैं।

By Ashish DeepEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 12:38 PM (IST)Updated: Tue, 23 Nov 2021 03:22 PM (IST)
एसबीआई में जनधन खाता है तो चेक कर लें कहीं कोई रकम फालतू तो नहीं कट गई, बैंक ने जारी की सफाई
SBI ने डिजिटल शुल्‍क पर दी सफाई।

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PM jan dhan Account) के खाताधारकों से डिजिटल भुगतान के नाम पर वसूले गए 164 करोड़ रुपये अब तक उन्‍हें नहीं लौटाए हैं। यह वसूली अप्रैल, 2017 से लेकर दिसंबर, 2019 के बीच हुई है। इस बारे में एसबीआई का कहना है कि बैंक अपने ग्राहकों से डिजिटल लेन-देन पर वसूले गए शुल्क को वापस नहीं कर रहा है। हम पुष्टि करते हैं कि बैंक इस संबंध में सरकार के आदेशों और नियामक निर्देशों का पूरी तरह से अनुपालन कर रहा है।

loksabha election banner

बैंक ने यह भी कहा कि 13.76 करोड़ की FI ग्राहक संख्या के साथ SBI भारत सरकार की वित्तीय समावेशन (फायनेंशियल इन्क्लूजन - FI) पहल में सबसे आगे रहा है। 70,193 बैंक मित्रों के मजबूत नेटवर्क द्वारा इन ग्राहकों को सेवाएं प्रदान की जाती हैं। बैंक मित्र या बिजनेस करेस्पोंडेंट चैनल में, ग्रामीण और अर्ध शहरी क्षेत्रों में ग्राहकों को बैंकिंग और सूक्ष्म बीमा सेवाएं असिस्टेड मोड में प्रदान की जाती हैं।

SBI ने 1 अक्‍टूबर 2020 से FI ग्राहकों के लिए सभी डिजिटल लेन-देन को मुफ्त कर दिया है। इसके अलावा, एक महीने में अधिकतम 4 नकद निकासी फ्री हैं। पूरी तरह से फ्री डिजिटल लेन-देन और 4 फ्री नकद निकासी, इन ग्राहकों को उनकी सभी बैंकिंग जरूरतों को पूरा करने में सक्षम बना रहे हैं।

IIT मुंबई ने इसे रिपोर्ट किया है। उसके मुताबिक जन-धन खाता योजना पर तैयार एक रिपोर्ट में इस शुल्क को वापस लौटाने का सरकार से निर्देश मिलने के बाद भी बैंक ने अब तक सिर्फ 90 करोड़ रुपये ही खाताधारकों को लौटाए हैं। 164 करोड़ रुपये लौटाना बाकी है। SBI ने अप्रैल, 2017 से सितंबर, 2020 के दौरान जन-धन खातों से UPI और Rupay लेन-देन के एवज में कुल 254 करोड़ रुपये से अधिक शुल्क वसूला था। इसमें प्रति लेन-देन बैंक ने खाताधारकों से 17.70 रुपये का शुल्क लिया था।

किसी भी दूसरे बैंक के उलट SBI ने 1 जून, 2017 से जन-धन खाताधारकों द्वारा डिजिटल लेनदेन करने पर शुल्क वसूलना शुरू कर दिया था। 1 महीने में चार से अधिक निकासी करने पर बैंक 17.70 रुपये प्रति लेनदेन का शुल्क ले रहा था। बैंक के इस कदम ने सरकार के आह्वान पर डिजिटल लेनदेन करने वाले जन-धन खाताधारकों पर प्रतिकूल असर डाला।

बैंक के इस रवैये की जब अगस्त, 2020 में वित्त मंत्रालय से शिकायत की गई तो, उसने फौरन कदम उठाया। CBDT ने 30 अगस्त, 2020 को बैंकों के लिए सर्कुलर जारी करते हुए कहा कि एक जनवरी, 2020 से खाताधारकों से लिए गए शुल्क को वापस किया जाए। इसके अलावा भविष्य में इस तरह का कोई शुल्क नहीं वसूला जाए। इसके बाद एसबीआइ ने 17 फरवरी, 2021 को जन-धन खाताधारकों से डिजिटल लेनदेन के एवज में लिए गए शुल्क को लौटाने की प्रक्रिया शुरू की। रिपोर्ट तैयार करने वाले सांख्यिकी प्रोफेसर आशीष दास कहते हैं कि अब भी इन खाताधारकों के 164 करोड़ रुपये लौटाए जाने बाकी हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.