SBI के तीन फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट, ब्याज के साथ मिलता है टैक्स बचत का फायदा
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) पर्सनल बैंकिंग सेगमेंट में काफी सारी डिपॉजिट स्कीम्स का संचालन करता है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) पर्सनल बैंकिंग सेगमेंट में काफी सारी डिपॉजिट स्कीम्स का संचालन करता है। बैंक जमा योजना सावधि जमा (एफडी) पर अच्छा रिटर्न देता है। फिक्स्ड डिपॉजिट बैंकों की ओर से पेश की जाने वाली सबसे खास डिपॉजिट स्कीम मानी जाती है।
एसबीआई में अलग अलग प्रकार की फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम्स चलती हैं जिनमें टैक्स सेविंग अकाउंट, रीइन्वेस्टमेंट अकाउंट, मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट अकाउंट एसबीआई की ओर से पेश किए जाने वाले फिक्स्ड डिपॉजिट के कुछ प्रकार हैं।
एसबीआई एफडी खाते में जमाकर्ता एकमुश्त राशि जमा कर सकता है। बैंक ने अपनी वेबसाइट पर इसकी जानकारी दी है। बता दें कि एसबीआई ने 30 जुलाई, 2018 से अपनी एफडी ब्याज दरों में संशोधन किया है।
एसबीआई का मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट अकाउंट (MODS): एसबीआई के मल्टी ऑप्शन फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट एक तरह का ऐसा एफडी अकाउंट होता है जो कि आपके सेविंग और करेंट अकाउंट से लिंक्ड होता है। इसमें खाताधारक 1000 के गुणकों में अपनी जरूरत के हिसाब से पैसा निकाल सकता है। खाते में बाकी बची हुई राशि पर फिक्स्ड डिपॉजिट के रेट पर ब्याज मिलना जारी रहता है। साथ ही इसके लिए आपको बैंक जाने की भी जरूरत नहीं होगी। इस राशि की निकासी एटीएम के जरिए की जा सकती है। एमओडी एफडी न्यूनतम एक वर्ष और अधिकतम पांच वर्ष के लिए कराई जा सकती है।
एसबीआई रीइन्वेस्टमेंट डिपॉजिट अकाउंट: आम फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट की ही तरह इस पर ब्याज सिर्फ मैच्योरिटी के वक्त दिया जाता है। नियमित आधार पर ब्याज आपके मूलधन में जुड़ता चला जाता है और अंत में उसकी गणना की जाती है। इसमें 1000 रुपये का न्यूनतम निवेश जरूरी है। वहीं अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है। इसमें न्यूनतम छह महीना और अधिकतम दस वर्ष तक के लिए निवेश किया जा सकता है।
एसबीआई का टैक्स सेविंग स्कीम: इसके तहत, 2006 आयकर की धारा 80 C के तहत एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट प्राप्त करने का अधिकार है। ऐसे भारतीय या फिर एचयूएफ जिनके पास पैन कार्ड है वो इस स्कीम का हिस्सा बन सकते हैं। इसमें एक साल के भीतर न्यूनतम निवेश 1,000 रुपये और अधिकतम निवेश 1,50,000 रुपये का किया जा सकता है।