RBI के ब्याज दर बढ़ाने से क्या होगा फ्लैट-मकान की बिक्री पर असर, जानिए एक्सपर्ट से
रेपो रेट को 40 आधार अंक बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत किया इस दर पर बैंक RBI से लेते हैं उधार। नकद आरक्षित अनुपात भी 50 आधार अंक की वृद्धि के साथ 4.5 प्रतिशत हुआ। इससे बैंकिंग सिस्टम से 87000 करोड़ रुपये बाहर होंगे। लेकिन रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआइ) ने बुधवार को अप्रत्याशित कदम उठाया। केंद्रीय बैंक ने अपनी प्रमुख ब्याज दर यानि रेपो रेट में 40 आधार अंक की वृद्धि की है, जिसका सीधा असर घर से लेकर वाहन लोन की Emi पर पड़ेगा और इसमें वृद्धि हो सकती है। नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में 50 आधार अंक की वृद्धि की गई है और यह 4.5 प्रतिशत पर पहुंच गया है।
आरबीआइ गवर्नर डा. शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बिना तय कार्यक्रम के हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। पिछले महीने की आठ तारीख को ही एमपीसी की बैठक हुई थी जिसमें महंगाई को लेकर जिंता जताई गई थी लेकिन एक महीने के भीतर दूसरी बैठक बुलानी पड़ेगी, इस बात की उम्मीद किसी को नहीं थी। एमपीसी की अब अगली बैठक आठ जून को होनी है और विश्लेषकों का कहना है कि फिर रेपो रेट में कम से कम 25 आधार अंक की वृद्धि हो सकती है। बैंकों की खुदरा कर्ज की दरों को तय करने वाला रेपो रेट (वह दर जिस पर बैंक आरबीआइ से अल्पकालिक जरूरतों के लिए कर्ज लेते हैं) को चार प्रतिशत से बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया गया है। अगस्त 2018 के बाद पहली बार इस दर को बढ़ाया गया है।
बिक्री पर शार्ट टर्म में असर होगा
नरेडको के अध्यक्ष राजन बनडेलकर ने कहा कि आरबीआइ के फैसले से आवासीय यूनिट की बिक्री पर शार्ट टर्म में असर होगा क्योंकि इससे होम लोन महंगा हो जाएगा और लोन की ब्याज दरें अधिक होने से डेवलपर्स भी मकान के दाम बढ़ा देंगे। कच्चे माल की कीमत बढ़ने से पहले से ही कीमत में तेजी होने लगी थी। हाउसिंग डाटकाम के ग्रुप सीएफओ विवेक वधावन ने कहा कि प्रापर्टी की दाम में बढ़ोतरी होगी, लेकिन इससे बिक्री पर खास असर नहीं होगा। अपनापैसा के सीईओ वी स्वामीनाथन ने कहा कि कई बैंकों ने पहले से ही लोन की ब्याज दरों में बढ़ोतरी शुरू कर दी थी।
ऑटो सेक्टर पर मार
आटो सेक्टर के विशेषज्ञों ने बताया कि लागत बढ़ने से कार कंपनियां अपने दाम में पहले से बढ़ोतरी कर रही है और अब लोन की ब्याज दर अधिक होने से लोन लेना भी महंगा हो जाएगा। इससे आटो सेक्टर की बिक्री प्रभावित हो सकती है। चिप की कमी के कारण वाहन कंपनियों की बिक्री पहले से ही प्रभावित चल रही है।
2020 में रेपो रेट में 75 आधार अंक की कटौती हुई थी
मार्च-अप्रैल 2020 में कोरोना महामारी के आर्थिक दुष्प्रभाव को काटने के लिए रेपो रेट में 75 आधार अंकों (0.75 प्रतिशत) की कटौती की गई थी। इस वजह से देश में आटो लोन, होम लोन व दूसरे लोन पिछले दो दशकों की सबसे न्यूनतम स्तर पर आ गए थे। अब इन कर्जों की दरों में धीरे धीरे वृद्धि होनी तय है। जिन ग्राहकों ने पहले से कर्ज ले रखा है उनकी मासिक किस्त भी बढ़ेगी। कुछ बैंकों ने हाल ही में कर्ज की दरों में कुछ वृद्धि भी की है लेकिन अब अधिकांश बैंकों से होम लोन व आटो लोन महंगा हो जाएगा।