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Loan की वसूली पर RBI का रुख सख्‍त, लेकिन डूबे कर्ज के खाते में डालने से होगा नुकसान : रिपोर्ट

Loan न चुकाने वालों पर RBI सख्‍त रुख अपना रहा है। उसने NBFC से कहा है कि जो कर्जधारक लोन चुकाने में देरी कर रहे हैं उनके खाते को NPA में डाल दिया जाए। हालांकि RBI के इस फैसले से NBFC के फंसे हुए कर्जे एक-तिहाई तक बढ़ सकते हैं।

By Ashish DeepEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 07:48 AM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 07:48 AM (IST)
Loan की वसूली पर RBI का रुख सख्‍त, लेकिन डूबे कर्ज के खाते में डालने से होगा नुकसान : रिपोर्ट
ऐसी आशंका रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (India Ratings & Research) ने अपनी एक रिपोर्ट में जताई है।

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। Loan न चुकाने वालों पर RBI सख्‍त रुख अपना रहा है। उसने NBFC से कहा है कि जो कर्जधारक लोन चुकाने में देरी कर रहे हैं, उनके खाते को NPA में डाल दिया जाए। हालांकि गैर- निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) के बारे में आए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के इस स्पष्टीकरण से गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के फंसे हुए कर्जे एक-तिहाई तक बढ़ सकते हैं। ऐसी आशंका रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (India Ratings & Research) ने अपनी एक रिपोर्ट में जताई है। उसका कहना है कि एनपीए पर आरबीआई के हाल में आए स्पष्टीकरण से एनबीएफसी के फंसे कर्ज में करीब एक-तिहाई की बढ़ोतरी हो सकती है।

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आरबीआई ने पिछले महीने बैंकों, एनबीएफसी और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों के लिए आय पहचान परिसंपत्ति वर्गीकरण और प्रावधान (IRAC) के मानकों पर स्थिति साफ की थी। इस स्पष्टीकरण में केंद्रीय बैंक ने कहा था कि विशेष उल्लेख खाता (SMA) और एनपीए का वर्गीकरण दैनिक स्थिति के आधार पर किया जाए और सभी लंबित बकाये का भुगतान करने के बाद ही एनपीए को मानक श्रेणी में डाला जा सकता है।

हालांकि इंडिया रेटिंग्स का मानना है कि एनपीए के लिए वित्तीय प्रावधान करने का असर पड़ सकता है। इसके बावजूद यह आईआरएसी जरूरतों से कहीं अधिक परंपरागत व्यवस्था है। रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई का परिपत्र खातों की दैनिक पुष्टि की भी बात करता है ताकि यह पता चल सके कि कोई कर्ज कितने दिनों तक बकाया रहा है। रेटिंग एजेंसी का कहना है कि इस व्यवस्था से भी खातों के लिए एनपीए की पुष्टि की दर तेज हो सकती है।

एनबीएफसी से कर्ज लेने वाले अमूमन अपनी लंबित देनदारी का भुगतान कुछ दिनों की देरी से करते हैं। लेकिन नई व्यवस्था में कुछ दिनों की भी देरी होने पर उनका खाता NPA के रूप में लिस्‍ट किया जा सकता है। इंडिया रेटिंग्स का मानना है कि ऐसा होने पर एनबीएफसी के एनपीए आंकड़े बढ़ जाएंगे।


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