सरकार जल्द ही आरबीआई को दे सकती है हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के नियमन का अधिकार
भारत सरकार जल्द ही RBI को HOUSING FINANCE Company (HFCs) के नियमन की जिम्मेदारी दे सकती है। इससे उधारदाताओं की कड़ी परिसंपत्ति गुणवत्ता समीक्षा हो सकेगी।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारत सरकार जल्द ही रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया को हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFCs) के नियमन की जिम्मेदारी देगी। इससे उधारदाताओं की कड़ी परिसंपत्ति गुणवत्ता समीक्षा हो सकेगी। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने अपने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। इससे देश के करीब 80 एचएफसी पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। बता दें कि हाउसिंग फाइनेंस के 90 फीसद से अधिक बाजार पर केवल टॉप पांच कंपनियों का प्रभुत्व है। इस निर्णय से इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस, हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन और दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन को व्यापक जांच का सामना करना पड़ सकता है। अनियमितता पाए जाने पर इन कंपनियों पर बड़े वित्तीय दंड और प्रतिबंध भी लग सकते हैं।
इस समय हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों का नियमन राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) द्वारा किया जाता है। आरबाआई का इन कंपनियों पर कोई सीधा अधिकार नहीं है। हालांकि, एनएचबी के बोर्ड में आरबीआई का एक कार्यकारी निदेशक सदस्य होता है। सूत्रों के अनुसार आरबीआई के उसी सदस्य को एचएफसी पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
सरकार द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक के अधिकारों को बढ़ाने के लिए बैंकिंग नियमन कानून में संसोंधन भी किया जा सकता है। आरबीआई को गैर बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) के प्रबंधन और बोर्ड में परिवर्तन करने का अधिकार भी दिया जा सकता है। बता दें कि अभी सहकारी बैंकों का नियमन राज्यों के नियमों से होता है, लेकिन सरकारी राष्ट्रीय बैंकों के मामले में रिज़र्व बैंक के पास ऐसे अधिकार नहीं हैं।