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आरबीआइ पूरे वित्त वर्ष में 0.75 फीसद तक बढ़ा सकता है रेपो रेट, ICICI Bank और BoB ने महंगा किया कर्ज

वित्‍त वर्ष 2023 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रेपो रेट में 75 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर सकता है। आइसीआइसीआइ बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा ने रेपो रेट लिंक्‍ड कर्ज (Repo rate linked loan) की दरों में इजाफा कर दिया है।

By Manish MishraEdited By: Published: Fri, 06 May 2022 08:02 AM (IST)Updated: Sat, 07 May 2022 07:36 AM (IST)
आरबीआइ पूरे वित्त वर्ष में 0.75 फीसद तक बढ़ा सकता है रेपो रेट, ICICI Bank और BoB ने महंगा किया कर्ज
RBI May Hike Repo rate by 75 Basis Points In FY23 Says SBI Ecowrap Report

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना महामारी की मुसीबत से बमुश्किल बाहर निकली वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने महंगाई ने ऐसे रोड़े डाले हैं कि दुनिया के तमाम देशों के केंद्रीय बैंकों के पास ब्याज दरों को बढ़ाने के अलावा और कोई चारा नहीं बचा है। बुधवार को जहां भारत और अमेरिका के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों को प्रभावित करने वाले वैधानिक दरों में क्रमश: 0.40 फीसद और 0.50 फीसद की वृद्धि की है वहीं गुरुवार को बैंक ऑफ इंग्लैंड ने 0.25 फीसद का इजाफा कर दिया है। सभी जानकार कह रहे हैं कि यूक्रेन-रूस युद्ध के वैश्विक इकोनोमी पर दीर्घकालिक असर को देखते हुए ब्याज दरों के बढ़ने का दौर इस बार लंबा चलेगा। कई विशेषज्ञ तो यह मान रहे हैं कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी अगले साल यानी वर्ष 2023 में भी जारी रहेगी। भारत के बारे में कहा जा रहा है कि आरबीआइ रेपो रेट अगले एक वर्ष के भीतर 0.75 फीसद से एक फीसद तक बढ़ा सकता है।

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उधर, आरबीआइ की घोषणा के बाद आइसीआइसीआइ बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा ने रेपो रेट लिंक्ड कर्ज की दरों को भी बढ़ा दिया है। आइसीआइसीआइ बैंक ने इस दर को बढ़ा कर 8.10 फीसद कर दिया है जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा ने 6.90 फीसद कर दिया है। कर्ज के महंगा होने की संभावना को देखते हुए पहले ही कई बैंक जमा दरों को बढ़ाना शुरु कर दिये थे। माना जा रहा है कि दूसरे बैंकों की तरफ से भी धीरे धीरे ब्याज दरों के बढ़ाने का फैसला कर लिया जाएगा।

आरबीआइ के फैसले की समीक्षा करते हुए यस बैंक और एसबीआइ बैंक ने अपनी इकोरैप रिपोर्ट में कहा है कि सितंबर, 2022 तक रेपो रेट में 0.75 फीसद की और वृद्धि हो सकती है। बुधवार की वृद्धि को शामिल किया जाए तो इस तरह से कुल 1.15 फीसद की बढ़ोतरी की तस्वीर बन रही है। यस बैंक ने कहा है कि अगले वित्त वर्ष भी रेपो रेट में 0.50 फीसद की वृद्धि की संभावना है। महंगाई के तेवर देख कर यह उम्मीद लगाई गई है।

एसबीआइ ने अपनी इकोरैप रिपोर्ट में कहा है कि जून और अगस्त में मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान बैंक संयुक्त तौर पर रेपो रेट में 0.75 फीसद की कटौती होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के दूसरे बैंक भी महंगाई को देखते हुए ना सिर्फ कर्ज को महंगा कर रहे हैं बल्कि सिस्टम से ज्यादा रकम भी बाहर निकालने की कोशिश में जुटे हैं जो बताता है कि महंगाई पर काबू पाना सभी देशों के लिए अब पहली प्राथमिकता बन चुकी है। दूसरी रिपोर्टें बताती हैं कि ब्याज दरों में वृद्धि की वजह से बैंकों का कर्ज वितरण प्रभावित होगा।


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