PMC बैंक के ग्राहकों के लिए जरूरी खबर, 10 साल में ऐसे वापस मिलेगी आपकी गाढ़ी कमाई
पीएमसी बैंक की शाखाओं ने मंगलवार से यूएसएफबीएल की शाखाओं के रूप में काम करना शुरू कर दिया है। करीब दो साल पहले वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आने के बाद रिजर्व बैंक ने पीएमसी बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया था।
नई दिल्ली, पीटीआइ। पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) का विलय यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक में पूरा हो गया है। केंद्र सरकार ने विलय व्यवस्था को अधिसूचित कर दिया है। इससे अब पीएमसी बैंक की शाखाएं यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक की शाखाओं के साथ जुड़कर काम करेंगी। पीएमसी बैंक में करीब 4355 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था। इसके बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस पर कार्रवाई की थी।
अब ग्राहकों को उनकी जमा रकम मिलना शुरू हो जाएगी। सभी जमाकर्ताओं को भुगतान के पहले दौर के रूप में जमा बीमा क्रेडिट गारंटी योजना (DICGC) के तहत 5 लाख रुपये मिलेंगे। उसके बाद 10 साल में थोड़ा-थोड़ा भुगतान होगा। इस दौरान जमाकर्ताओं को पहले से पांचवें वर्ष तक 50,000 रुपये से 5.5 लाख रुपये तक और शेष 10 साल के अंत में रकम मिलेगी।
रिजर्व बैंक ने कहा कि पीएमसी बैंक की शाखाओं ने मंगलवार से यूएसएफबीएल की शाखाओं के रूप में काम करना शुरू कर दिया है। करीब दो साल पहले वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आने के बाद रिजर्व बैंक ने पीएमसी बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया था। इसके बाद सरकार ने विलय की योजना को मंजूरी देते हुए अधिसूचित कर दिया। यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक इसके तहत पीएमसी बैंक की संपत्तियों और देनदारियों के साथ जमाओं का अधिग्रहण करेगा। हालांकि इस विलय के खिलाफ जमाकर्ताओं ने कोर्ट जाने का फैसला किया है। भारतीय रिजर्व बैंक बोर्ड के सदस्य सतीश मराठे द्वारा स्थापित सहकारी समितियों के लिए एक छत्र निकाय सहकार भारती के नेतृत्व में पीएमसी बैंक जमाकर्ताओं ने इस योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने का फैसला किया है।
यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक इस योजना के प्रावधानों के क्रियान्वयन के लिए जरूरी व्यवस्था कर रहा है। रिजर्व बैंक ने विलय की इस योजना का मसौदा तैयार किया था, जिसे 22 नवंबर, 2021 को सार्वजनिक किया गया था।