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सिर्फ 22% SBI ग्राहकों ने उठाया मोरेटोरियम का फायदा; जून-अगस्त अवधि में ऐसे ग्राहकों की संख्या ज्यादा होने की संभावना

SBI ने बताया है कि मार्च-मई 2020 की अवधि के लिए उसके सिर्फ 22 फीसद ग्राहकों ने मोरेटोरियम स्कीम का फायदा उठाया है।

By Manish MishraEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 07:41 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 02:49 PM (IST)
सिर्फ 22% SBI ग्राहकों ने उठाया मोरेटोरियम का फायदा; जून-अगस्त अवधि में ऐसे ग्राहकों की संख्या ज्यादा होने की संभावना
सिर्फ 22% SBI ग्राहकों ने उठाया मोरेटोरियम का फायदा; जून-अगस्त अवधि में ऐसे ग्राहकों की संख्या ज्यादा होने की संभावना

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में आम जनता व कारोबार जगत को बचाने के लिए सरकार व आरबीआइ ने जिस स्कीम पर सबसे ज्यादा जोर दिया उसका फायदा उठाने वाले ही खास उत्साहित नहीं है। यह हकीकत सावधि कर्ज की अदायगी पर मोरेटोरियम स्कीम की है। देश के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने बताया है कि मार्च-मई, 2020 की अवधि के लिए उसके सिर्फ 22 फीसद ग्राहकों ने मोरेटोरियम स्कीम का फायदा उठाया है। इन ग्राहकों को तीन महीने के लिए कर्ज की किस्त की अदायगी नहीं करने की राहत दी गई थी लेकिन तकरीबन 82 फीसद ग्राहकों ने कम से कम दो महीने के लिए अपनी किस्त अदा की है। यह जानकारी एसबीआइ चेयरमैन रजनीश कुमार ने दी। हालांकि, उन्होंने यह भी आशंका जताई कि हो सकता है कि जून से अगस्त की तिमाही के दौरान मोरेटोरियम का फायदा उठाने वाले लोगों की तादाद ज्यादा हो।

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आरबीआइ ने दो चरणों में तीन-तीन महीनों के लिए सावधि कर्ज लेने वाले ग्राहकों को मोरेटोरियम का फायदा दिया है। यह स्कीम मार्च से अगस्त, 2020 तक के लिए लागू की गई है ताकि कोविड-19 से उपजी परिस्थितियों में आम जनता व कॉरपोरेट जगत को कुछ मदद मिल सके। मूडीज की रिपोर्ट बताती है कि मई, 2020 तक आइसीआइसीआइ बैंक के 30 फीसद कर्ज लेने वाले वाले ग्राहकों ने मोरेटोरियम का फायदा उठाया है जबकि कोटक महिंद्रा बैंक के कुल लोन का 26 फीसद हिस्‍सा रखने वाले ग्राहकों ने इस विकल्प को चुना है। एक्सिस बैंक ने बताया है कि उसके 10-12 फीसद ग्राहकों ने मोरोटोरियम का विकल्प चुना है।

एसबीआइ ने वित्त वर्ष 2019-20 की अंतिम तिमाही (जनवरी-मार्च, 2020) के वित्तीय परिणाम भी जाहिर किए, जो उम्मीद से भी बेहतर हैं। इस तिमाही बैंक को 3,580.81 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ है जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही से चार गुणा ज्यादा है। इस तिमाही बैंक की आय बढ़ी है और एनपीए को कम करने में भी मदद मिली है। कुल अग्रिम के मुकाबले एनपीए का स्तर 2.65 फीसद से घटकर 2.13 फीसद हो गया है। एनपीए के मद में बैंक को 11,894 करोड़ रुपये का समायोजन भी करना पड़ा है जो जनवरी-मार्च, 2019 में 8,193 करोड़ रुपये रहा था। 

पूरे वित्त वर्ष की बात करें तो बैंक ने रिकॉर्ड 14,448 करोड़ रुपये का मुनाफा अर्जित किया है जबकि वर्ष 2019-19 में सिर्फ 862 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। इस रिकार्ड मुनाफे के लिए दो प्रमुख सहायक शाखाओं एसबीआइ का‌र्ड्स और एसबीआइ लाइफ में हिस्सेदारी बिक्री सबसे अहम कारण रही है। लेकिन अब जबकि कोविड-19 की वजह से इकोनॉमी व वित्तीय ढांचे पर विपरीत असर पड़ रहा है तो वर्ष 2020-21 में एसबीआइ चेयरमैन का कहना है कि हालात सितंबर, 2020 के बाद से हालात काफी खराब हो सकते हैं।


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