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Home-Car Loan सस्‍ता होगा या नहीं, RBI अगले हफ्ते लेगा फैसला

Reserve Bank of india RBI अगले हफ्ते मौद्रि‍क नीति की समीक्षा करेगा। पैनल की बैठक 6 से 8 जून 2 से 4 अगस्त 28 से 30 सितंबर 5 से 7 दिसंबर और 6 से 8 फरवरी 2023 को होगी।

By Ashish DeepEdited By: Published: Fri, 01 Apr 2022 12:54 PM (IST)Updated: Fri, 01 Apr 2022 12:54 PM (IST)
Home-Car Loan सस्‍ता होगा या नहीं, RBI अगले हफ्ते लेगा फैसला
RBI हर दो महीने में MPC मीटिंग करता है। (Pti)

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक का शेड्यूल जारी कर दिया है। RBI ने कहा है कि उसकी मौद्रिक नीति समिति (MPC) इस वित्त वर्ष (FY23) में छह बैठकें करेगी, जिसकी पहली बैठक आने वाले सप्ताह में होनी है। केंद्रीय बैंक की नीति कहती है कि दर-निर्धारण पैनल को एक वर्ष में कम से कम चार बैठकें करनी चाहिए और एक साल के लिए बैठक का कार्यक्रम उस वर्ष की पहली बैठक से कम से कम एक सप्ताह पहले छप जाना चाहिए। एनालिस्‍ट का कहना है कि RBI मुद्रास्‍फीति की दर पर नियंत्रण के लिए उपाय जारी रखेगा।  

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8 अप्रैल तक MPC की बैठक

रिजर्व बैंक के मुताबिक मौद्रिक नीति के फैसले पर पहुंचने के लिए पैनल अगले हफ्ते 6 से 8 अप्रैल के बीच बैठक करेगा। Axis Bank में चीफ इकोनॉमिस्‍ट सौगत भट्टाचार्य ने कहा कि वैश्वि‍क हालात को देखते हुए रिजर्व बैंक यथास्थिति बकरार रखेगा। व्यापक रूप से यह उम्मीद की जाती है कि प्रमुख दरों में कोई बदलाव नहीं होगा। 6 से 8 अप्रैल को MPC की बैठक के बाद पैनल की बैठक 6 से 8 जून, 2 से 4 अगस्त, 28 से 30 सितंबर, 5 से 7 दिसंबर और 6 से 8 फरवरी, 2023 को होगी। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और मुद्रास्फीति की चिंताओं के साथ केंद्रीय बैंक के पास महंगाई के पहले के अनुमान पर पहुंचने का प्रयास करेगा।

Repo rate को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा

केंद्रीय बैंक के एमपीसी ने केंद्रीय बजट के कुछ ही दिनों बाद फरवरी में अपनी पिछली बैठक में नीतिगत दर (Repo rate) को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने के लिए मतदान किया था। पैनल ने 5 से 1 के बहुमत से निर्णय लिया था कि जब तक ग्रोथ तेज करने और इसे बरकरार रखने के लिए जरूरी हो, तब तक समायोजन का रुख जारी रखें और अर्थव्यवस्था पर COVID-19 के प्रभाव को कम करने के उपाय करते रहेंगे।

मुद्रास्फीति की दर नियंत्रण में बनी रहे

RBI ने कहा कि यह सुनिश्चित करते रहेंगे कि मुद्रास्फीति की दर नियंत्रण में बनी रहे। एमपीसी ने अत्यधिक संक्रामक Omicron वैरिएंट से आर्थिक गतिविधियों के लिए संभावित नकारात्मक जोखिमों को चिह्नित किया। लक्षण हालांकि हल्के बने हुए हैं और संक्रमण की रफ्तार जितनी तेजी से बढ़ी है, उतनी ही तेजी से कम हो रही है।


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