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IPO आने से पहले LIC प्राइवेट बैंक में बढ़ाएगी हिस्सेदारी, 1 साल के लिए रहेगा स्‍टेक

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से मंजूरी मिल गई है। प्राइवेट बैंक में LIC की हिस्सेदारी को मौजूदा 4.96 प्रतिशत से बढ़ाकर 9.99 प्रतिशत करने की मंजूरी मिली है।

By Ashish DeepEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 08:37 AM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 09:09 AM (IST)
IPO आने से पहले LIC प्राइवेट बैंक में बढ़ाएगी हिस्सेदारी, 1 साल के लिए रहेगा स्‍टेक
5% से ज्‍यादा हिस्सेदारी वाले किसी भी निजी बैंक का अधिग्रहण करने के लिए केंद्रीय बैंक से पूवार्नुमति आवश्यक है।

नई दिल्‍ली, आइएएनएस। जीवन बीमा निगम (LIC) को कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से मंजूरी मिल गई है। प्राइवेट बैंक में LIC की हिस्सेदारी को मौजूदा 4.96 प्रतिशत से बढ़ाकर 9.99 प्रतिशत करने की मंजूरी मिली है। 5 प्रतिशत से ज्‍यादा हिस्सेदारी वाले किसी भी निजी बैंक का अधिग्रहण करने के लिए केंद्रीय बैंक से पूवार्नुमति आवश्यक है।

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कब आएगा LIC का आईपीओ

बता दें कि भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation) का IPO इसी वित्त वर्ष में आ जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के मुताबिक सरकार की स्वामित्व वाली कंपनी LIC IPO को केंद्र सरकार की हरी झंडी मिल गई है। इसके प्रबंधन के लिए सरकार ने 10 मर्चेंट बैंकरों की नियुक्ति भी कर चुकी है।

बैंक ने सोमवार को एक्सचेंजों को सूचित किया, कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड को एलआईसी से एक सूचना मिली है, जिसमें कहा गया है कि RBI ने बैंक की चुकता इक्विटी शेयर पूंजी के 9.99 प्रतिशत तक बैंक में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए एलआईसी को अपनी मंजूरी दे दी है।

केंद्रीय बैंक की मंजूरी 1 साल के लिए वैध होगी

केंद्रीय बैंक की मंजूरी 1 साल के लिए वैध होगी। सोमवार को कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर पिछले बंद से 2.39 प्रतिशत बढ़कर 2,011 रुपये पर बंद हुए। बैंक की चुकता इक्विटी शेयर पूंजी में एलआईसी की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 9.99 फीसदी करने का प्रस्ताव है। गत 30 सितंबर को बैंक में LIC की हिस्सेदारी 4.96 प्रतिशत थी।

बैंक में हिस्सा बढ़ाने का यह प्रस्ताव निजी क्षेत्र के बैंकों में शेयरों के अधिग्रहण या मताधिकार के लिए आरबीआई की पूर्व-अनुमति लेने के दिशा-निर्देशों के अधीन है। इसके अलावा बाजार नियामक सेबी भी विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों पर गौर करता है। कोटक महिंद्रा बैंक के मुताबिक यह मंजूरी एक साल की अवधि के लिए वैध है।


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