फ्री में नहीं मिलता है क्रेडिट कार्ड, बैंक कर्मचारी इन हिडेन चार्ज के बारे में कभी नहीं बताते
अधिकांश लोग क्रेडिट कार्ड के मिनिमम अमाउंट का ही भुगतान करना पसंद करते हैं, यहीं वो गलती करते हैं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। क्रेडिट कार्ड ने लोगों के लिए नकदी न रखने और जरूरत के वक्त इसकी उपलब्धता तो सुनिश्चित कर दी है, लेकिन इसके अपने नफा-नुकसान दोनों हैं। आपको क्रेडिट कार्ड लेने के दौरान थोड़ी बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। बैंक कर्मचारी आपको तमाम लालच देकर फ्री में कार्ड खरीदने को कहते हैं, लेकिन वो उन हिडेन चार्जेज के बारे में कभी भी नहीं बताते हैं जो बैंक कार्डधारकों से हर हाल में वसूलते हैं।
आर्थिक लिहाज से क्रेडिट कार्ड वरदान और अभिशाप दोनों हैं। क्रेडिट कार्ड से दूर रहना उस वक्त मुश्किल हो जाता है, जब एक बैंक प्रतिनिधि आपको इसे मुफ्त में पाने के लिए प्रोत्साहित करता है। लेकिन क्या आपको लगता है कि जो कार्ड आपको दिया जा रहा है वो पूरी तरह से फ्री होता है? जाहिर तौर पर आपको ऐसा ही लगता होगा क्योंकि बैंक प्रतिनिधि आपको कभी भी कार्ड पर लगने वाले हिडेन चार्जेज के बारे में नहीं बताते हैं। ऐसे में आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम अपनी इस खबर में आपको ऐसे ही हिडेन चार्जेज के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।
एनुअल मेंटेनेंस चार्ज: ये सालाना मेंटेनेंस फीस होती है जो कि क्रेडिट कार्ड पर लागू होती है। जब किसी व्यक्ति को क्रेडिट कार्ड फ्री उपलब्ध करवाया जाता है, तो इसका मतलब सिर्फ यह होता है कि ज्वाइनिंग फीस और एनुअल चार्ज को ही हटाया गया है और वो भी एक निश्चित अवधि तक के लिए ही।
इंटरेस्ट चार्ज: क्रेडिट कार्ड के मासिक बिल उस टोटल अमाउंट को दिखाता है जिसका भुगतान आपको करना होता है और उस मिनिमम अमाउंट को भी जिसका भुगतान करना ही होता है। अधिकांश लोग मिनिमम अमाउंट का ही भुगतान करना पसंद करते हैं, क्योंकि वो सोचते हैं कि बाकी का भुगतान वो आसानी से बाद में कर सकते हैं। आपका यह कदम आपको कर्ज के दलदल में उतारने जैसा होता है। बैंक इस पर इंटरेस्ट चार्ज वसूलते हैं। आमतौर पर बैंक ड्यू अमाउंट पर 3 से 4 फीसद का इंटरेस्ट चार्ज वसूलते हैं।
जीएसटी (GST): क्रेडिट कार्ड से होने वाली सभी तरह के लेनदेन पर जीएसटी लागू होता है जो कि निर्धारित दरों के हिसाब से लागू होता है।
लेट पेमेंट चार्ज: अगर किसी सूरत में आप ड्यू डेट तक अपने कर्ज का भुगतान नहीं कर पाते हैं तो बैंक आपसे अतिरिक्त चार्ज वसूलते हैं। इसे लेट पेमेंट चार्ज कहा जाता है। यह उस स्थिति में लागू होता है जब भुगतान ड्यू डेट के बाद किया जाता है।
ओवरड्राफ्ट चार्ज: जब कार्ड होल्डर अपने कार्ड की लिमिट से ज्यादा का कर्ज ले लेता है तो ओवरड्राफ्ट चार्ज क्रेडिट कार्ड पर लागू होता है।
पेट्रोल खरीदने पर अतिरिक्त शुल्क: अगर आप क्रेडिट कार्ड से पेट्रोल एवं डीजल भरवाते हैं तो थोड़ा सतर्क हो जाएं। अगर आप क्रेडिट कार्ड से रेल टिकट या फिर पेट्रोल एवं डीजल का भुगतान करते हैं तो आपको अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना होता है।
एटीएम निकासी पर चार्ज: ग्राहकों को उनके क्रेडिट कार्ड में भी एटीएम से पैसे निकालने की सुविधा दी जाती है। हालांकि बैंक इस पर भी शुल्क वसूलते हैं जो कि निकाली जाने वाली राशि के 2.5 फीसद तक हो सकता है।