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सरकार ने बढ़ाई Home Loan पर ब्याज कटौती की सीमा, जानें इसका क्या होगा असर

अब 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 तक की अवधि के दौरान लोन पर घर खरीदने पर अब 3 लाख रुपये तक इनकम टैक्स की कटौती के लिए दावा किया जा सकता है।

By Sajan ChauhanEdited By: Published: Wed, 10 Jul 2019 11:23 AM (IST)Updated: Wed, 10 Jul 2019 12:43 PM (IST)
सरकार ने बढ़ाई Home Loan पर ब्याज कटौती की सीमा, जानें इसका क्या होगा असर
सरकार ने बढ़ाई Home Loan पर ब्याज कटौती की सीमा, जानें इसका क्या होगा असर

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 2019 पेश किया। इस बजट में कई अहम घोषणाएं की गईं और कई बदलावों का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री ने होम लोन में मध्यम वर्ग को राहत देते हुए होम लोन ब्याज की छूट को बढ़ाया है। अगर आप 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च तक की अवधि के दौरान घर लोन पर खरीदते हैं तो आप उस पर 2 लाख रुपये तक इनकम टैक्स की कटौती के अलावा 1.5 लाख तक की अतिरिक्त इनकम टैक्स कटौती के लिए दावा कर सकते हैं।

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घर खरीदने के लिए एक साल में 2 लाख रुपये तक होम लोन पर चुकाया गया ब्याज आयकर अधिनियम की धारा 24 के तहत कटौती के लिए योग्य है। अतिरिक्त ब्याज नई शुरू की गई धारा 80 ईईए के तहत कटौती के लिए लागू होगा। इसलिए टैक्सपेयर अब प्रति वर्ष 3.5 लाख रुपये तक कटौती के लिए दावा कर सकेगा।

घर की संपत्ति का स्टैंप ड्यूटी मूल्य 45 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए। इसका मतलब यह है कि घर का रजिस्ट्रेशन 45 लाख रुपये तक होना चाहिए। लोन सेंक्शन होने की तारीख पर टैक्सपेयर किसी भी अन्य रेजिडेंशियल हाउस प्रॉपर्टी का मालिक नहीं होना चाहिए।

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मान लीजिए कि किसी व्यक्ति ने अप्रैल, 2019 में एक घर खरीदा है, जिसकी कीमत 45 लाख रुपये है। घर खरीदने के लिए 40 लाख रुपये किसी बैंक से लोन लिया गया है, जिस पर 20 साल की अवधि के लिए 8.8 फीसद प्रति वर्ष की दर से ब्याज लग रहा है। अगले 5 सालों में ग्राहक को इस प्रकार ब्याज और प्रिंसिपल अमाउंट चुकाना होगा।

वित्त वर्ष    ब्याज का भुगतान    प्रिंसिपल अमाउंट  का भुगतान

2019-20     2,62,350               56,935

2020-21     3,43,736               4,25,714

2021-22     3,36,223               4,25,714

2022-23     3,28,023               4,25,714

2023-24     3,19,070               4,25,714

2024-25     3,09,298               4,25,714

किसी भी वित्त वर्ष में देय ब्याज 3.5 लाख से अधिक नहीं होना चाहिए। 


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