बच्चे के लिए ले रहे हैं एजुकेशन लोन तो इन बातों का हमेशा रखें ख्याल
अधिकांश बैंक 1 साल के एमसीएलआर का उपयोग करते हैं जिस पर एजुकेशन लोन का ब्याज दर 8% से 15% तक रहती है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पिछले दस सालों में बहुत सी चीजें बदली हैं। जीवन जीने के अंदाज से लेकर हर चीज महंगी हो गई है, यहां तक शिक्षा का खर्च भी बढ़ गया है। पिछले दस सालों में शिक्षा में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इस बढ़ती महंगाई को देखते हुए हाल ही में पेरेंट्स ने बच्चों की पढ़ाई के लिए सेविंग करना शुरू कर दिया है।
इसके लिए माता-पिता पैसे की जुगाड़ में गोल्ड या फिक्स्ड एसेट में निवेश करते हैं। हालांकि, कई सारे फाइनेंशियल एडवाइजर का कहना है कि बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए माता-पिता एजुकेशन लोन ले सकते हैं। हायर एजुकेशन के लिए बैंक या एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) से एजुकेशन लोन मिलता है।
वहीं अगर आप विदेशों में जाकर पढ़ना चाहते हैं तो भी यह काफी महंगा पड़ जाता है। इसलिए बहुत सारे लोग हायर एजुकेशन के लिए लोन लेते हैं। बैंक देश में हायर एजुकेशन के लिए 10 लाख रुपये और विदेशों में जाकर पढ़ने के लिए 20 लाख रुपये तक का लोन देते हैं। लोन लेते वक़्त आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए...जानिए इनके बारे में..
योग्यता: एजुकेशन लोन लेने के लिए बच्चे की उम्र 16 साल से 35 साल के बीच होना चाहिए। यह बात ध्यान में रखना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
ब्याज दर: अधिकांश बैंक 1 साल के एमसीएलआर का उपयोग करते हैं जिस पर एजुकेशन लोन का ब्याज दर 8% से 15% तक रहती है। यह बात सबसे ज्यादा गौर करने वाली होती है।
मोरेटोरियम: मोरेटोरियम पीरियड लोन टाइम के समय उधारकर्ता को दी गई अवकाश अवधि की तरह है। इस अवधि में उधारकर्ता को लोन चुकाने से छूट मिलती है। एजुकेशन लोन के मामले में, उधारकर्ता को कोर्स पूरा होने की तारीख से 6 महीने से 1 वर्ष तक के लिए छूट मिलती है, इससे लोन लेने वाले को अच्छी नौकरी तलाशने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है।
टैक्स लाभ: आयकर अधिनियम की धारा 80 ई के तहत, एजुकेशन लोन पर भुगतान की जाने वाली पूरी राशि ब्याज आयकर कटौती के लिए मान्य है। आयकर कटौती का दावा आठ साल तक किया जा सकता है।