नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आज के समय में कार लग्जरी नहीं रह गई है, बल्कि जरूरत बन गई है। कोरोना संकट के बाद निजी वाहनों की जरूरत और ज्यादा महसूस की गई और देश में कार और अन्य यात्री वाहनों की बिक्री में बढ़ोत्तरी देखने को मिली। यही वजह है कि देश में सक्रिय वाहन कंपनियां एक के बाद एक नए मॉडल लांच करती हैं। अगर आप भी लोन पर नई कार लेने की सोच रहे हैं तो आपको बहुत सी बातों को ध्यान में रखना चाहिए। इनमें लोन एलिजिबिलिटी, प्रोसेसिंग फीस, ब्याज, ईएमआई जैसी चीजों को ध्यान में रखना सबसे जरूरी है। इससे आपको किसी भी तरह का निर्णय लेने में आसानी होगी।
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एक्सपर्ट्स का मानना है कि कार का मॉडल चुनने से पहले लोन की एलिजिबिलिटी के बारे में जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए। इसका मतलब यह है कि आपको यह स्पष्ट तौर पर मालूम होना चाहिए कि आपको कितना लोन मिल सकता है। यह आपकी सैलरी के साथ-साथ लोन की अवधि पर निर्भर करता है। आप विभिन्न पोर्टल्स की मदद से इस बात की जानकारी हासिल कर सकते हैं। अलग-अलग बैंक आपको पांच साल से लेकर सात साल तक के लिए कार लोन देते हैं। यहां ध्यान रखने वाली बात यह है कि लंबी अवधि के लिए कार लोन लेने पर आपकी EMI में कमी आ जाती है लेकिन आपकी कार की कुल लागत बढ़ जाती है।
कार लोन के लिए अप्लाई करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
अगर आप कार लोन अप्लाई करने जा रहे हैं तो सबसे पहले इस बात पर ध्यान दीजिए कि आप कितनी रकम EMI के रूप में दे सकते हैं। इसके लिए आपको पहले से चल रहे किसी लोन की ईएमआई के साथ-साथ अपने घरेलू खर्च, निवेश जैसी बातों को ध्यान में रखना होगा। इसी आधार पर आप कार के मॉडल का चुनाव कीजिए।
क्रेडिट रिपोर्ट पर भी नजर डालना जरूरी
बैंक किसी भी तरह के लोन पर आय के स्रोत, लिंग और क्रेडिट स्कोर जैसे मानदंड के आधार पर ब्याज वसूलते हैं। अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा रहा है तो आपको कम ब्याज देना पड़ सकता है। दूसरी ओर क्रेडिट स्कोर खराब होने पर आपको ज्यादा ब्याज दर पर लोन मिलता है। यहां तक कि खराब सिबिल स्कोर होने पर कुछ लेंडर लोन नहीं देते हैं। ऐसे में लोन के लिए अप्लाई करने से पहले अपना क्रेडिट स्कोर चेक कर लेना ही सही होता है। इसके साथ ही विभिन्न बैंकों से मिलने वाले लोन ऑफर की तुलना करने की भी जरूरत होती है।
ब्याज के साथ प्रोसेसिंग फीस पर भी करिए गौर
लोन लेते समय ब्याज दर के साथ-साथ प्रोसेसिंग फीस पर गौर करना चाहिए। कई बैंक फेस्टिव सीजन के दौरान प्रोसेसिंग फीस माफ कर देते हैं लेकिन आपको इस चीज पर जरूर गौर करना चाहिए कि प्रोसेसिंग फीस को माफ करने के बदले बैंक आपसे ज्यादा ब्याज या किसी तरह का अन्य शुल्क तो नहीं ले रहे। इसके अलावा फोरक्लोजर चार्जेज और प्री-पेमेंट चार्जेज के बारे में भी पूरी जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए।
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