SBI टैक्स सेविंग स्कीम से कैसे बचा सकते हैं पैसा, यहां जानें सबकुछ
SBI की टैक्स सेविंग स्कीम में आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट का दावा किया जा सकता है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) टैक्स सेविंग स्कीम 2006 में फिक्स डिपॉजिट या टर्म डिपॉजिट की पेशकश करता है। एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार, भारतीय नागरिक और हिंदू परिवार इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए पात्र हैं। इनकम टैक्स के लिए ग्राहक के पास पर्मानेंट अकाउंट नंबर (PAN) भी होना चाहिए। SBI की टैक्स सेविंग स्कीम में आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक टैक्स में छूट के लिए दावा किया जा सकता है।
एसबीआई की टैक्स सेविंग स्कीम, 2006 के बारे आपको ये 5 बातें जरूर जाननी चाहिए:
अमाउंट: ग्राहकों को न्यूनतम 1000 रुपये और अधिकतम 1,50,000 रुपये तक जमा करने की अनुमति है।
कार्यकाल: एसबीआई के अनुसार, एसबीआई टैक्स सेविंग स्कीम, 2006 का न्यूनतम कार्यकाल 5 साल और अधिकतम 10 साल है।
ब्याज: टर्म डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज की दर सेविंग स्कीम के समान है। रिटेल घरेलू टर्म डिपॉजिट में (1 करोड़ रुपये से कम) जमा राशि पर आम नागरिकों के लिए ब्याज दर 6.85 फीसद और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 7.35 फीसद ब्याज दर है। इसकी मैच्योरिटी न्यूनतम 5 साल और अधिकतम 10 साल पर हो सकती है।
समय से पहले पैसे निकालना: ग्राहक इसके शुरू होने के बाद से पांच साल पूरे होने तक पैसे वापस नहीं निकाल सकते हैं।
अन्य फायदे: एसबीआई की टैक्स सेविंग स्कीम के साथ नॉमिनेशन सुविधा भी उपलब्ध है। इस स्कीम में निवेश करने वाले ग्राहक लोन या अन्य किसी कार्य के लिए इसे सिक्योरिटी के तौर पर इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।