12 May 20222571 Views
गरीबी, भुखमरी, भीख मांगने पर हजारों नसीहतें हर किसी के पास होती हैं पर कितने हैं जो वास्तव में इन्हें हटा पाने के लिए कुछ करते हैं? एक घिसा-पिटा सा जुमला कि एक हमारे करने से क्या होगा और उसी के जवाब में एक और घिसा-पिटा सा जुमला कि एक भी कोई शुरुआत करे तो बहुत कुछ हो सकता है.
यह वीडियो देखें आप समझ जाएंगे कि दोनों ही जुमले बकवास हैं. हकीकत यह है कि हममें से अधिकांश हर रोज किसी को उसकी गरीबी, उसकी लाचारी से थोड़ा तो निकाल ही सकते हैं लेकिन हर रोज हम ही किसी एक की गरीबी, उसकी लाचारी बढ़ा देते हैं इतनी कि आप अगर भूख बढ़ाने की दवाई मांगते हैं तो वे भूख खत्म करने की दवाई मांग लेते हैं. लेकिन क्यों? शायद आपने खुद से कभी ये सवाल नहीं किया.