जिन लोगों को आप तस्वीरों में दौड़ते देख रहें हैं वे ओलंपिक में 100 मीटर रेस की तैयारी नहीं कर रहे हैं और ना ही ये बस या ट्रेन पकड़ने के लिए दौड़ रहे हैं और न किसी चोर का पीछा कर रहे हैं. ये अमेरिका के मीडिया इंटर्न हैं, जो अपने बॉस के पास सबसे पहले खबर पहुंचाने के लिए दौड़ लगा रहे हैं.
वॉशिंगटन डीसी में यह नजारा सुप्रीम कोर्ट द्वारा समलैंगिक शादी को वैध किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट के बाहर देखने को मिला. दरअसल सुप्रीम कोर्ट के अंदर कैमरा ले जाने की मनाही है और न ही कोर्ट के भीतर मोबाइल फोन लेकर जाया जा सकता है. इस ऐतिहासिक फैसले से पहले यह जिम्मेदारी मीडिया इंटर्न को दी गई थी कि वे कोर्ट के भीतर जो भी फैसला सुनाया जाए उसे बाहर खड़े अपने बॉस तक पहुंचाए.
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जैसे ही फैसला सुनाया गया, मीडिया इंटर्न फैसले की कॉपी हाथ में लिए दौड़ पड़े अपने बॉस तक खबर पहुंचाने के लिए ताकि खबरों की दौड़ में उनका चैनल सबसे आगे रह पाए. इस तस्वीर को देखकर आप समझ सकते हैं कि आप तक ब्रेकिंग न्यूज लाने के लिए मीडियाकर्मियों को कितनी मेहनत करनी पड़ती है.
अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने ऐतिहासिक फैसले में कहा कि देश का संविधान समलैंगिक जोड़ों को विवाह का अधिकार देता है. सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों ने समलैंगिक विवाहों को वैध ठहराया, वहीं चार जजों ने इसका विरोध किया. इस फैसले के साथ ही अमेरिका इस साल समलैंगिक विवाह को मान्यता देने वाला पांचवां और कुल मिलाकर 21वां देश हो गया है.
फैसले का जब ऐलान हुआ तो बाहर मौजूद लोगों ने एक दूसरे को बधाई देकर इसका स्वागत किया. यह फैसला समलैंगिक अधिकार आंदोलन के लिए एक बड़ी जीत है. इससे पहले 2010 में राष्ट्रपति बराक ओबामा ने समलैंगिकों को खुले तौर पर सेना में शामिल किए जाने की मंजूरी दी थी.
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सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि, “ यह समानता की दिशा में एक बड़ा कदम है. अब समलैंगिक जोड़ों को आम लोगों की तरह विवाह करने का अधिकार मिल जाएगा.”
दुनिया भर में समलैंगिक अधिकारों के लिए लड़ रहे कार्यकर्ता अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को अपनी जीत के तौर पर देख रहे हैं. Next...
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