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दोस्तों Burj Khalifa का नाम तो आपने सुना ही होगा| दुबई में स्थित बुर्ज खलीफा मानव इतिहास की अबतक की सबसे ऊँची इमारत है और इस इमारत के बनने से पहले कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था की इतनी ऊँची ईमारत बनायीं भी जा सकती है| इस इमारत को बनाने में सिर्फ पैसे खर्च नहीं हुए बल्कि यह १२ हजार कारीगरों की मेहनत ही थी की इस प्रोजेक्ट को सफल बनाया|
यह प्रोजेक्ट इतना बड़ा था की इसके लिए कई तरह की मशीनों और क्रेन का निर्माण करना पड़ा| तो चलिए 830m ऊँची और 163 मंजिलों वाली ऊँची इस ईमारत की पूरी स्टोरी को हम शुरू से डिटेल में जानेंगे|
इस कहानी की शुरूवात होती है 6 जनवरी 2004 से जब दुबई के Property Developer Emaar (Burj Khalifa का मालिक) ने बुर्ज खलीफा के डिज़ाइन की जिम्मेदारी अमेरिका के Skidmore Owings & Merrill नामक कंपनी को दी और इसी कंपनी के आर्किटेक्ट Adrian Smith को बुर्ज खलीफा के डिज़ाइन बनाने का श्रेय दिया जाता है|
जब की बुर्ज खलीफा के निर्माण का काम साउथ कोरिया की जानी मानी कंपनी Samsung C&T Corporation को दिया गया जो की इससे पहले भी कई ओर बड़े प्रोजेक्ट्स को जैसे Taipei 101 पर भी काम कर चुकी थी| दोस्तों आपको बता दें की Taipei 101 बुर्ज खलीफा से पहले दुनिया की सबसे ऊँची इमारत थी|
दोस्तों Samsung C&T Corporation को दिया गया यह काम इतना बड़ा था की बेल्जियम की Besix और UAE की Arabtech कंपनी के साथ मिलकर पुरा किया गया| एक मजेदार बात यह है की जब 2004 में बुर्ज खलीफा का बेस बनाया जा रहा था तब लोगों को पता भी नहीं था की इसका पूरा डिज़ाइन कैसा होगा। क्युंकी निर्माण का काम शुरू होने के बाद भी इसके डिज़ाइन पर काम किया जा रहा था| काम शुरू होने के तीन साल के अंदर ही इसने रिकॉर्ड बनाने का सिलसिला भी शुरू कर दिया|
2007 में इसने Sears Tower का Building with Most Floors का रिकॉर्ड तोड़कर अपने नाम किया| अमेरिका में स्थित Sears Tower के कुल 110 floors है, और साथ ही इसकी उचाई 570m थी| बुर्ज खलीफा ने 2007 में ही चार ओर भी रिकार्ड्स भी अपने नाम किये जैसे –
और उचाई बढ़ने के साथ ही इसकी कीमत में भी काफी इजाफा आया जिसकी वजह से इस प्रोजेक्ट को बनाने में Abu Dhabi के President खलीफा बिन ज़ायेद से सहायता ली गयी और उन्ही के financial मदद से यह काम आगे बढ़ सका|
पहले इस ईमारत का नाम Burj Tower रखा गया था लेकिन राष्ट्रपति के मदद के बाद से जब इसको खोला गया तो उनके सम्मान में इस इमारत का नाम बुर्ज खलीफा कर दिया गया| ऑक्टूबर 2009 में निर्माण का काम पूरा करने के बाद 4 जनवरी, 2010 को इसका उट्घाटन किया गया और इस मौके पर लोगो ने पहली बार दुबई के करिश्मे को देखा|
इस इमारत को बनाने में करीब १.5 बिलियन डॉलर्स का खर्च आया था और कुछ लोगो का मानना है की यह आंकड़ा इससे ज्यादा भी हो सकता है| 10 मार्च ,2010 को बुर्ज खलीफा को आधिकारिक रूप से दुनिया की सबसे ऊँची ईमारत होने की घोसणा की गयी | और तब से लेकर अब तक यह रिकॉर्ड इसी ईमारत के नाम है|
2012 में इसका 80% हिस्सा इस्तेमाल के लिए लोगो ने लिया था| तो दोस्तों यह थी कहानी दुनिया के सबसे ऊँची ईमारत Burj Khalifa in Hindi की| उम्मीद है की आपको यह मजेदार जानकारिया पसंद आई होगी|