अभिनेता विनोद खन्ना के पिता नहीं चाहते थे कि उनका बेटा फिल्मों में काम करे। उनके पिता ने उन्हें क्रिकेटर बनाने का सपना देखा था। शुरुआती दिनों में विनोद खन्ना दो मशहूर टेस्ट क्रिकेटर्स के साथ मैच खेला करते थे। विनोद खन्ना ने फिल्मों में बतौर विलेन कदम रखा और वह कुछ ही फिल्मों के बाद हीरो बन गए। विनोद खन्ना की 3 फिल्में बनने से पहले खूब चर्चा में आईं, लेकिन वह कभी रिलीज नहीं हो सकीं। 27 अप्रैल को विनोद खन्ना की पुण्यतिथि पर जानते हैं उनके जीवन की कुछ रोचक घटनाएं।
पेशावर में जन्मे, दिल्ली और मुंबई पढ़े
पाकिस्तान के पेशावर में 6 अक्टूबर 1946 को कमला खन्ना और कृष्णचंद खन्ना के घर बेटे विनोद खन्ना ने जन्म लिया। भारत विभाजन के दौरान उनका परिवार पेशावर से मुंबई आ गया। विनोद खन्ना ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के मथुरा रोड स्थित डीपीएस में की और बाद में उन्होंने मुंबई से आगे की पढ़ाई पूरी की।
पिता चाहते थे विनोद खन्ना क्रिकेटर बने
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विनोद खन्ना के पिता चाहते थे कि उनका बेटा मशहूर क्रिकेटर बने। विनोद खन्ना ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें क्रिकेट बहुत पसंद था। ग्रेजुएशन के दौरान वह 4 नंबर बैट से खेला करते थे। टीम इंडिया के लिए खेलने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज बुधी कुंदरन और एकनाथ सोल्कर के साथ विनोद खन्ना ने खूब क्रिकेट खेला। इसी दौरान विनोद खन्ना का मन बदल गया और उन्होंने फिल्मों में जाने का मन बना लिया।
सुनील दत्त ने फिल्मों में दिया मौका
विनोद खन्ना चुपचाप फिल्मों के लिए ऑडिशन देने लगे। इस दौरान उन्हें पता चला कि मशहूर अभिनेता सुनील दत्त फिल्म मन का मीत के लिए नए चेहरे तलाश रहे हैं। सुनील दत्त ने विनोद खन्ना को अपनी फिल्म में मौका दिया। 1968 में रिलीज हुई फिल्म मन का मीत विनोद खन्ना की पहली फिल्म बनी और यह हिट साबित हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फिल्म रिलीज से पहले पिता को बेटे के फिल्मों में जाने का पता चला तो घर में हंगामा हो गया। पिता कृष्णचंद बेटे विनोद खन्ना के फिल्मों में जाने के विरोध में थे। लेकिन मां ने बेटे का साथ दिया और विनोद खन्ना फिल्मों में आ गए।
पहली फिल्म से मिली पॉपुलैरिटी
विनोद खन्ना ने 1968 में अपने डेब्यू के बाद कई फिल्मों में बतौर विलेन काम किया। 1971 में विनोद खन्ना की 12 फिल्में रिलीज हुई जो हिट साबित हुईं। विनोद खन्ना को 1971 में आई फिल्म मेरा गांव मेरा देश ने घर घर में लोकप्रिय कर दिया। विनोद खन्ना ने 40 से ज्यादा मल्टीस्टार फिल्मों में काम किया। उनकी ज्यादातर हिट फिल्में अमिताभ बच्चन, शत्रुघ्न सिन्हा, धर्मेंद्र, रिषी कपूर, रजनीकांत के साथ पर्दे पर आईं।
बनने के बाद भी रिलीज नहीं हुईं 3 फिल्में
विनोद खन्ना की 3 फिल्में बनने के दौरान काफी चर्चा में रहीं पर वह आज तक रिलीज नहीं हो सकीं। 1988 में कश्मीर के राजकुमार की कहानी पर बनी फिल्म जूनी आज तक रिलीज नहीं हो सकी। फिल्म में विनोद खन्ना के अलावा डिंपल कपाडि़या, प्राण और दिलीप ताहिल मुख्य भूमिकाओं में थे। इसके अलावा 1987 में बनी फिल्म जमीन और 1991 में बनी फिल्म गर्जना भी कभी पर्दे पर नहीं आ सकी।
फिल्में छोड़ ओशो के आश्रम पहुंचे
जब विनोद खन्ना अपने करियर के शिखर पर थे तब उनकी मां का निधन हो गया। इससे विनोद खन्ना टूट गए और तनाव में रहने लगे। 1982 में विनोद खन्ना ने फिल्म इंडस्ट्री छोड़ आध्यात्मिक गुरु ओशो रजनीश के आश्रम में चले गए। 5 साल फिल्मों से दूर रहे विनोद खन्ना 1987 में सुपरहिट फिल्म इंसाफ के साथ पर्दे पर लौटे और छा गए।
राजनीति में खेली सफल पारी
1997 में विनोद खन्ना ने राजनीति में कदम रखा और भाजपा ज्वाइन कर ली। 1998 में विनोद खन्ना पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और पहली बार सांसद चुने गए। इस सीट से वह 4 बार सांसद चुने गए। विनोद खन्ना विदेश मंत्री और पर्यटन मंत्री भी रहे। कैंसर के कारण 27 अप्रैल 2017 को विनोद खन्ना इस दुनिया से हमेशा के लिए चले गए। उन्हें मरणोपरांत दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।...Next
ये भी पढ़ें: इस सप्ताह OTT पर देखिए 20 नई फिल्में और वेबसीरीज
कंट्रोवर्सी में डूबा खूबसूरत अभिनेत्री का करियर
एक्टर बनने से पहले सेल्समैन थे अरशद वारसी, ऐसे मिली फिल्में