- 7 Posts
- 0 Comment
देश इन दिनों कोरोना की तीसरी लहर से जूझ रहा है.प्रतिदिन रिकॉर्ड नए मरीज मिल रहें है.इसी बीच चुनाव आयोग नें देश के पांच राज्यों में होने वाले चुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान कर दिया है.यूपी,पंजाब,मणिपुर,गोवा,उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव देश को एक नयी दिशा देंगे क्यों की अधिकांश जगहों पर एक ही पार्टी की सरकार है.यह चुनाव तब हो रहें है समूचा देश सदी की सबसे बड़ी महामारी से जूझ रहा है.
ऐसे में चुनाव कराना और उसमे प्रतिभाग करना बड़ी चुनौती है.हालाँकि चुनाव आयोग पहले ही प्रेस वार्ता कर के कह चूका है कि वह समय पर चुनाव करने के लिए प्रतिबद्ध है.कोरोना संक्रमण के बढ़ते हुए आंकड़ो के बीच होते हुए यह चुनाव एक नया अध्याय लिखेंगे.
चुनाव आयोग की नियमावली के अनुरूप 15 जनवरी तक सभी प्रकार की सभाओं पर प्रतिबन्ध है.इससे पहले ऐसा कभी नही देखा गया था.यहाँ चुनौती उन सभी राज्यों की राजनितिक दलों के लिए बढ़ जतिन हैं जो चुनाव में प्रतिभाग करने वालें हैं.जब भैतिक रूप से पहुँच पाना लोगों तक पहुँच पाना संभव नहीं होगा.उस परिस्थिति में ऑनलाइन या यूँ कहें कि डिजिटल माध्यम से जनमानस तक पहुंचना होगा.
अब प्रश्नवाचक चिन्ह यहाँ पर यह लग जाता है कि क्या ये सभी राज्य (जहाँ चुनाव हो रहे) उन तमाम भौतिक संसाधनों से लैस हैं जिसकी आवश्यकता डिजिटल युग के लिए है?जैसे बिजली,इन्टरनेट इत्यादि.
जवाब लगभग का यही होगा कि महीन अभी तमाम हिस्सों में संसाधनों की कमिं है.लेकिन आश्चर्य की बात यह कि इस प्रकार के मुद्दे चुनावों में नज़र नही आते.इसमें दोष किसका है यह एक शोध का मुद्दा हो गया है.फिर भी चुनाव में अपनी बातों को रखने के लिए सहारा अब ऑनलाइन ही बचा है,जिसके माध्यम से इस बार चुनाव लड़ने की तैयारी है.
यह किस हद तक सफल होगा और इस नए युग के चुनाव को लड़कर कौन योद्धा आगे आएगा और इन राज्यों में सत्ता हासिल करेगा यह देखने वाली बात होगी.