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काम महीने भर, मजदूरी 28 दिन की, सफाई कर्मियों ने जताया आक्रोश

कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच खुद की जान जोखिम में डालकर नगर को स्वच्छ और निर्मल बनाए रखने वाले सफाईकर्मियों की हकमारी की जा रही।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Jul 2020 01:39 AM (IST)Updated: Sun, 19 Jul 2020 06:12 AM (IST)
काम महीने भर, मजदूरी 28 दिन की, सफाई कर्मियों ने जताया आक्रोश
काम महीने भर, मजदूरी 28 दिन की, सफाई कर्मियों ने जताया आक्रोश

बगहा । कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच खुद की जान जोखिम में डालकर नगर को स्वच्छ और निर्मल बनाए रखने वाले सफाईकर्मियों की हकमारी की जा रही। शनिवार को अनुमंडल कार्यालय के समक्ष जुटे सफाई कर्मियों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंप आरोप लगाया कि उनसे सफाई के लिए अधिकृत स्वयंसेवी संस्थाएं 30 दिन काम लेती हैं और 28 दिन का ही भुगतान किया जाता। इससे पूर्व इस हकमारी के विरूद्ध सफाई कर्मियों ने अनुमंडल कार्यालय के समक्ष झाडृू उठाकर विरोध प्रदर्शन किया तथा आक्रोश जताया। सफाई कर्मियों ने कहा कि कोरोना वायरस के खतरे के बीच जहां जहां संक्रमण के मामले सामने आ रहे, वहां उनसे काम लिया जा रहा। वे अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे। लेकिन, उनकी हकमारी के खिलाफ कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। स्वयंसेवी संस्थाओं के संचालक सफाईकर्मियों के हिस्से की राशि का बंदरबांट कर लेते हैं। आरोप लगाया कि रामनगर में सफाई कर्मियों को 30 दिन की मजदूरी के एवज में 9500 रुपये का भुगतान किया जाता। जबकि बगहा के सफाई कर्मियों को महज 6500 रुपये दिए जाते। सभी सफाई कर्मियों ने एसडीएम को दिये गए आवेदन में मांग की कि उनके 30 दिन की मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित कराने के साथ साथ कोरोना योद्धाओं की तरह उनका भी 50 लाख का स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जाए। चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी नहीं हुई तो

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सफाई कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल को विवश होंगे।


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