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बगहा विधायक का भी छलका दर्द, टिकट कटने को बताया साजिश

टकट वितरण में कथित तौर पर गड़बड़ी को लेकर भाजपा में जारी असंतोष थमने का नाम नहीं ले रहा है। पश्चिम चंपारण के वाल्मीकिनगर सांसद सतीशचंद्र दूबे की नाराजगी कम होने के बाद अब बुधवार को बगहा के भाजपा विधायक राघव शरण पांडेय के अंदर का दर्द भी छलक कर बाहर आ गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 May 2019 11:30 PM (IST)Updated: Fri, 03 May 2019 06:25 AM (IST)
बगहा विधायक का भी छलका दर्द, टिकट कटने को बताया साजिश
बगहा विधायक का भी छलका दर्द, टिकट कटने को बताया साजिश

बेतिया । टिकट वितरण में कथित तौर पर गड़बड़ी को लेकर भाजपा में जारी असंतोष थमने का नाम नहीं ले रहा है। पश्चिम चंपारण के वाल्मीकिनगर सांसद सतीशचंद्र दूबे की नाराजगी कम होने के बाद अब बुधवार को बगहा के भाजपा विधायक राघव शरण पांडेय के अंदर का दर्द भी छलक कर बाहर आ गया। उन्होंने कहा कि उनके साथ प्रदेश नेतृत्व ने वादाखिलाफी की है। वे भाजपा के राज्य नेतृत्व की गतिविधियों से काफी असंतुष्ट हैं। लेकिन राष्ट्रहित में वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पुन: पीएम के रूप में देखना चाहते हैं। टिकट वितरण में प्रदेश नेतृत्व के एक दो नेताओं ने उनके साथ साजिश की है। उन्हें वाल्मीकिनगर से टिकट देने के आश्वासन के बाद भी, इस सीट को साजिश के तहत जदयू के कोटे में दे दिया गया। श्री पांडेय बुधवार को लौरिया में वाल्मीकि विकास मंच की एक बैठक के दौरान पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय पेट्रोलियम सचिव के पद से सेवानिवृत्ति के बाद वे जिले के विकास में लग गए थे। कई महत्वपूर्ण कार्यों को किया, जो आज दिख रहा है। भाजपा के शीर्ष नेताओं की पहल पर ही भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। उस समय संसदीय चुनाव में टिकट देने का वादा कर उन्हें दल से जोड़ा गया। मगर 2014 में एक सा•िाश के तहत रातों-रात टिकट काट दिया गया। फिर इसकी भरपाई का आश्वासन दिया गया। जदयू से अलग होने के बाद भी जनता ने उन्हें विधायक बनाया मगर उन्हें यह कहकर मंत्रीमंडल में जगह नहीं दी गई कि ब्राह्मण कोटे से एक को शामिल कर लिया गया है। फिर 2019 के चुनाव में ब्राह्मण सीट होने के बावजूद उन्हें टिकट नहीं दिया गया। बिहार भाजपा में शीर्ष नेताओ ने ब्राह्मण एवं भूमिहारों को उपेक्षित रखने के लिए वाल्मीकिनगर सीट को एक साजिश के तहत जदयू के कोटे में दे दिया। जबकि तिरहुत की दो सीटों पर एक खास जाति को उम्मीदवार बनाया गया। उन्होंने कहा कि आखिरकार बिहार भाजपा के नेता ब्राह्मणों की उपेक्षा क्यों कर रहे हैं यह समझ से बाहर है। उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि इसकी शिकायत उन्होंने केंद्र के शीर्ष नेताओं से की है और उन्हें चुनाव बाद इस पर कुछ करने का आश्वासन मिला है। पूर्व पेट्रोलियम सचिव ने कहा कि यदि फिर उनके साथ वादाखिलाफी की गई, तो आने वाले विधान सभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वे क्षेत्र के विकास के लिए राजनीति से वास्ता रखना चाहते हैं, पद और पैसे के लिए नहीं। कहा कि मैं जिस पद से सेवानिवृत्त हुआ हूं, प्रोटोकाल के मुताबिक उस पद की सुविधा किसी सांसद से भी अधिक है। यह भी जोड़ा कि इतना ग़म के बाद भी प्रधानमंत्री के पद पर मोदी को बैठाने के लिए वे हर स्तर पर कोशिश करेंगे। उन्होंने अपने समर्थकों से एनडीए के पक्ष में कार्य करने की अपील भी की। मौके पर अश्वमेध पीठाधीश्वर स्वामी उपेंद्र पाराशर, जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष संतोष कुमार राव उर्फ बबलू राव, रवि शाही, रामनगर के प्रखंड प्रमुख सुरेंद्र यादव,प्रज्ञा समिति के सचिव ललन पांडेय, समाज सेवी काशी बैठा, गोरख विद्यार्थी,मोहम्मद कलाम, बदरी पांडेय भी मौजूद रहे।

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