केनाल में पानी ही पानी, पटवन के लिए तरस रहे किसान
बेतिया। सहोदरा, नहरों में पानी देख किसान तरस रहें है और व्यवस्था को कोस भी रहे हैं। वजह है कि इसका लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है और पोखर व जलाशयों से पंपसेट लगाकर महंगी ¨सचाई करने को विवश हैं।
बेतिया। सहोदरा, नहरों में पानी देख किसान तरस रहें है और व्यवस्था को कोस भी रहे हैं। वजह है कि इसका लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है और पोखर व जलाशयों से पंपसेट लगाकर महंगी ¨सचाई करने को विवश हैं। दोन कनाल में पानी होने के बावजूद सरेह की ओर निकले चैनलों के बंद होने से किसानों को इसका लाभ नहीं मिल रहा। महंगे डीजल की खरीदारी कर पंपसेट के माध्यम से खेतों तक पानी पहुंचा रहे हैं। किसान जगन्नाथ यादव, गोरख यादव, राजेन्द्र यादव, सुरेंद्र प्रसाद, नरेंद्र प्रसाद, विजय तिवारी, साहेब तिवारी, इम्तियाज शेख, सुधीर वर्मा, कामाख्या ¨सह, नसीम अख्तर, हरेंद्र यादव, समशूल खान का कहना है कि गेहू और गन्ने के पटवन का समय चल रहा है। नहर में पानी आने से पटवन की उम्मीद जगी। लेकिन नहर से सरेह तक जाने वाले चैनल बंद पड़े हुए हैं। किसान डीजल की खरीद कर खेतों में पम्पसेट के माध्यम ¨सचाई कर रहे हैं। जिससे उन्हें खेती करने में लागत व्यय अधिक हो रही है। खेत बंजर खाली व बंजर नहीं रह जाय, इसीलिए उनके द्वारा खेतों का जोत आबाद किया जा रहा है। उनका कहना है कि अगर नहर से निकलने वाले चैनल साफ होते तो उन्हें महंगे डीजल की खरीद कर पंपसेट के माध्यम से पानी पटाने की जरूरत नहीं पड़ती और खेती से उन्हें लाभ मिलती। छतमी के किसान सह पंचायत समिति सदस्य लोकनाथ यादव ने बताया कि नहर से जितनी भी पइनें निकली है उसमें से किसी भी पईन का सफाई नही हो सकी है । वहीं बजड़ा पंचायत के वार्ड सदस्य ललिता देवी और बिहारी राम ने बताया कि नहर में पानी आने से प्रखंड के अधिकांश क्षेत्रों में कोई फायदा नहीं है।