घटना के समय वाल्मीकिनगर में था विधायक का लोकेशन
बगहा। पूर्व जिला पार्षद दयानंद वर्मा की हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस उनके मोबाइल का सीड
बगहा। पूर्व जिला पार्षद दयानंद वर्मा की हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस उनके मोबाइल का सीडीआर खंगाल रही है। हत्या के ठीक पहले ठीकेदार शकील से उनकी मोबाइल पर बात हुई थी। इस क्रम में दोनों के बीच बकझक भी हुई। इसके ठीक पहले नौरंगिया पुलिस की मौजूदगी में सिरिसिया चौक पर दोनों के बीच विवाद हुआ था। नौरंगिया पुलिस ने जब शकील को मौके से हटाकर उसे वापस भेज दिया तो शकील ने दयानंद वर्मा को मोबाइल पर सबक सिखाने की धमकी दी। पुलिस दयानंद के साथ शकील के मोबाइल का भी सीडीआर निकालकर आगे की जांच कर रही है। जांच में यह भी पता चला है कि घटना के समय वाल्मीकिनगर विधायक रिकू सिंह का लोकेशन वाल्मीकिनगर में था।
बता दें कि बेतिया में एक टेंडर को लेकर दोनों के बीच विवाद खड़ा हुआ था। अनुमान है कि इसके प्रतिशोध में उक्त घटना को अंजाम दिया गया। सूत्र बताते हैं कि दयानंद वर्मा के मोबाइल के सीडीआर में ऐसे कई नंबर पाए गए हैं जो संदिग्ध हैं। पुलिस आवश्यकता पड़ने पर सभी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकती है। इंसेट :-
हत्या में प्रयुक्त बोलेरो को पुलिस ने किया जब्त :-
जिस बोलेरो से हत्यारे सिरिसिया चौक पर पहुंचे थे। वह बोलेरो नंबर बीआर 22 पी 0959 पुलिस के हाथ लग गई है। एसपी किरण कुमार गोरख जाधव ने बताया कि जब्त बोलेरो वाल्मीकिनगर के एक व्यक्ति की है। जांच प्रभावित न हो। इसलिए फिलहाल वाहन मालिक के नाम को सामने नहीं लाया गया है। इसी बोलेरो पर हत्यारे सवार होकर सिरिसिया पहुंचे थे। हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए एसआइटी की टीम लगातार छापेमारी अभियान चला रही है। एसआइटी शकील की गिरफ्तारी के लिए वाल्मीकिनगर, सिवान, मोतिहारी, मधुबनी सहित अन्य जगहों पर छापेमारी कर चुकी है। लेकिन अभी तक पुलिस को सफलता हाथ नहीं लगी है। पुलिस के अधिकारियों की मानें तो इस हत्याकांड में कोई निर्दोष नहीं फंसे। इसको ध्यान में रखकर जांच की जा रही है। यही कारण है कि शक के आधार पर हिरासत में लिए कुछ लोगों को गहरी पूछताछ के बाद मुक्त भी कर दिया गया है।
इंसेट हत्या मामले में नामजद बबलू को भेजा गया जेल
दयानंद वर्मा हत्याकांड में नामजद बने वाल्मीकिनगर निवासी बबलू जायसवाल को बुधवार को नौरंगिया थाने की पुलिस ने जेल भेज दिया। बताया जाता है कि घटना के बाद ग्रामीणों ने बबलू को मौके से पकड़ा और उसकी धुनाई की। जिससे वह जख्मी हो गया था। पुलिस अभिरक्षा में उसे अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसकी गंभीर हालत को देख चिकित्सकों ने उसे बेहतर इलाज के लिए बेतिया रेफर कर दिया था। जहां इलाज होने के बाद वह ठीक हुआ और नौरंगिया पुलिस उसे अपने अभिरक्षा में ले लिया। मंगलवार को एसपी ने नौरंगिया थाने में उससे पूछताछ की जिसके बाद उसे न्यायिक हिरासत भेज में दिया गया। इंसेट
नौरंगिया थाना के गश्ती दल पर गिर सकती है गाज
दयानंद वर्मा की हत्या के ठीक पहले मौके पर पहुंची नौरंगिया थाने के गश्ती दल व मौके पर उपस्थित पुलिस पदाधिकारी पर गाज गिर सकती है। घटना के दिन जब दयानंद से शकील ठीकेदार की नोकझोंक हो रही थी तो किसी ने इसकी सूचना नौरंगिया थानाध्यक्ष को दी। सूचना मिलने के बाद थानाध्यक्ष के द्वारा तत्काल गश्ती दल को मौके पर भेजा गया। गश्ती दल के द्वारा दोनों के बीच हो रहे विवाद को समाप्त कराने के बाद पुलिस चौराहे पर ही थी। उसी दौरान चार गाड़ी से पहुंचे हत्यारों ने दयानंद वर्मा को पहले बुलाया और मारपीट के क्रम में गाली मार दी। इस दौरान पुलिस टीम तमाशबीन बनी रही। पुलिस टीम की इस लापरवाही की जांच चल रही है। जांच में अगर गश्ती दल के पदाधिकारी व जवान दोषी जाए जाते हैं तो एसपी के द्वारा सभी को निलंबित किया जा सकता है।
इंसेट संदिग्धों के घर लगातार हो रही छापेमारी
दयानंद वर्मा की हत्या मामले में नामजद अभियुक्त फरार चल रहे है। जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार उनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। सूत्रों की मानें तो अभी तक किसी के द्वारा पुलिस के समक्ष बयान नहीं दिया गया है कि घटना के समय विधायक सिरिसिया चौक पर मौजूद थे। दया वर्मा हत्याकांड में चल रहे आधुनिक अनुसंधान में पाया गया है कि जिस समय उक्त घटना को अंजाम दिया गया था, उसके पहले से ही विधायक लगातार वाल्मीकिनगर में थे। लेकिन घटना स्थल पर मौजूद कुछ लोग कह रहे हैं कि विधायक की गाड़ी देखा गया था।