वीटीआर के जंगल में लगी आग, तीन एकड़ में लगे छोटे पौधे जलकर नष्ट
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल कैंप के पीछे गुरुवार की दोपहर जंगल के कुछ हिस्सों में आग लग गई। इससे लगभग तीन एकड़ में लगे पौधे जलकर नष्ट हो गए। किसी तरह आग पर काबू पाया गया। आशंका व्यक्त की जा रही है कि कुछ युवकों ने जलती सिगरेट फेंक दी हो जिससे आग की लपटों ने वन क्षेत्र को चपेट में ले लिया।
बगहा । वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल कैंप के पीछे गुरुवार की दोपहर जंगल के कुछ हिस्सों में आग लग गई। इससे लगभग तीन एकड़ में लगे पौधे जलकर नष्ट हो गए। किसी तरह आग पर काबू पाया गया। आशंका व्यक्त की जा रही है कि कुछ युवकों ने जलती सिगरेट फेंक दी हो, जिससे आग की लपटों ने वन क्षेत्र को चपेट में ले लिया। सूचना के बाद पहुंची वन विभाग की टीम ने आग पर काबू पा लिया। पहले भी कई बार लग चुकी आग
शरारती तत्वों की वजह से पहले भी कई बार जंगल में आग लग चुकी है। जिससे कीमती पौधे जलकर नष्ट हो चुके हैं। फायर सीजन के शुरुआती दौर में जैव विविधता का खजाना कहे जाने वाले वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना का वन क्षेत्र आग की लपटों की चपेट में आ गया। शुक्र है कि पूर्व में हुई घटनाओं में आग पर काबू पा लिया गया था। वन क्षेत्रों को आग से बचाव के लिए फायर वाचर की तैनाती के बाद भी जंगलों की हिफाजत चुनौती साबित हो रही है। इस बाबत रेंजर महेश प्रसाद ने बताया कि दोबारा वन क्षेत्र में आग न भड़के, इसलिए पैनी नजर रखी जा रही है। इंसेट बाक्स
आग बुझाने के लिए आधुनिक यंत्र का कर रहे प्रयोग
वन विभाग के कर्मचारी अब जंगलों की आग बुझाने के लिए पत्तेदार हरी टहनियों से बनाए झाड़ू नहीं, बल्कि आधुनिक यंत्र का प्रयोग कर रहे हैं। अब वन विभाग के कर्मचारियों के कार्य करने का तरीका भी बदल गया है। जंगल में लगने वाली आग को बुझाने के लिए अब लीफ ब्लोअर की मदद ली जा रही है। यह लीफ ब्लोअर प्रयोग में लाना बेहद आसान है। एक लीफ ब्लोअर का वजन केवल आठ किलोग्राम के करीब है। आग को नियंत्रित करने के लिए यह आधुनिक उपकरण काफी कारगर साबित हो रहा है । फायर लाइन को तोड़कर जंगल के बड़े क्षेत्र में लगी आग को यह कुछ ही देर में काबू कर देता है। पहले वन विभाग के कर्मचारी जंगलों में आग बुझाने के लिए पत्तेदार हरी टहनियों का प्रयोग करते थे। एक लीफ ब्लोअर पांच लोगों के बराबर काम करता है।एक घंटे के भीतर एक लीफ ब्लोअर एक किलोमीटर तक जंगल में लगी आग को बुझा सकता है। वीटीआर में हर साल अगलगी के कारण वन संपदा आग की भेंट चढ़ जाते है। स्टाफ की कमी के कारण विभाग को जंगलों में लगी आग को नियंत्रित करने में परेशानी होती थी। अब इस समस्या से छुटकारा मिल गया है।
इस बाबत वाल्मीकिनगर रेंजर महेश प्रसाद ने बताया कि यह इस्तेमाल में बेहद आसान हैं और कम समय में भीषण आग पर काबू पाया जा सकता है।