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मोतिहारी से दोनों कैदियों का शव आते गांव में मचा कोहराम

आजीवन कारावास की सजा काट रहे दो कैदियों की मोतिहारी जेल में हुई मौत से इनके घर पर व गांव में मातम का माहौल है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 06:07 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 06:07 PM (IST)
मोतिहारी से दोनों कैदियों का शव आते गांव में मचा कोहराम

बेतिया। आजीवन कारावास की सजा काट रहे दो कैदियों की मोतिहारी जेल में हुई मौत से इनके घर पर व गांव में मातम का माहौल है। मृतकों में बलथर थाना क्षेत्र के बलथर निवासी मुन्ना महतो (23) व नवलपुर थाना क्षेत्र के सेमरी भवानीपुर डाकबंगला टोला निवासी सुखल अंसारी (65) शामिल है। पोस्टमार्टम के बाद दोनों का शव उनके गांव आते ही कोहराम मच गया। उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

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करीब 15 दिन पहले दोनों कैदियों को बेतिया जेल से मोतिहारी में बनाए गए अस्थाई जेल में स्थानांतरित किया गया था। गैंगरेप के एक मामले में मुन्ना जेल में बंद था। जबकि सुखल अंसारी हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। बताया जाता है कि 26 अगस्त 19 को भवानीपुर गांव में दो पक्षों में मारपीट हुई थी। घटना में ग्रामीण मुस्तकिम मियां की मौत हो गई थी जिस मामले में एक दर्जन से ज्यादा लोग नामजद हुए थे। इस मामले में सुखल अंसारी आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। इसी मामले में सुखल का बड़ा पुत्र अभी भी जेल में बंद है। सुखल के पुत्र जाफर अंसारी ने बताया कि उसके पिता को पूर्व में पारालाइसिस का अटैक हुआ था। उसने जेल प्रशासन पर इलाज नही कराने का आरोप लगाया है। जबकि गैंगरेप के मामले में मुन्ना महतो अपने साथियों के साथ जेल में बंद था। कोविड-19 के कारण मंडलकारा बेतिया में कैदियों के बीच शारीरिक दूरी के नियम पालन कराने के उद्देश्य से मुन्ना और सुखल को भी मोतिहारी जेल में भेजा गया था। दोनों की बीमारी से मौत होने की बात कही जा रही है।

एक साल पहले हुई थी शादी, घर लौटने की राह देख रही थी पत्नी

सिकटा, संवाद सूत्र: मुन्ना कुमार की मौत की सूचना मिलने के बाद उसके परिजनों की हालत खराब है। युवक की मां फूलझरी देवी और पत्नी पत्नी सबिता देवी बार बार बेहोश हो जा रही थी। दोनों जेल प्रशासन पर मारने का आरोप लगा रही थी। मुन्ना की शादी मई 2018 में हुई थी। सविता महज सात महिने तक ही पति का सुख पा सकी थी। पति के जेल जाने से वह अलग हो गई थी। मृत युवक की मां जेल प्रशासन पर बेटे की जान लेने का आरोप लगा रही थी। कहती है कि जेल प्रशासन के लोगवा हमरा बाबू के मुअला के बाद भी सही जानकारी ना देहलस। मृतक के परिजनों ने बताया कि उसके बीमार होने की सूचना शनिवार को सुबह में मिली। जिसे सुनकर मृत युवक के पिता देवराज महतो गांव के लोगों के साथ मोतिहारी गए। उसने भी बेटे की मौत का कारण जेल प्रशासन की लापरवाही बताया। कहा कि बेटे को अभी कोई संतान भी नही है। जनवरी 2019 में बेटे को जाल में फंसाकर जेल भेज दिया गया था। वह बेतिया जेल में बंद था। कोरोना का बहाना बनाकर उसे मोतिहारी भेज दिया गया। बेटे के मरने के बाद भी जेल प्रशासन ने कोई सूचना नही दी। दूसरे के मोबाइल पर तबियत बिगड़ने की खबर सुबह में मिली थी। बता दे कि मृत युवक मुन्ना महतो समेत मन्टू पटेल, रंजीत महतो व भूषण महतो एक महादलित यवती के साथ गैंगरेप के मामले में बेतिया जेल में बंद थे।


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