मतदाताओं पर प्रत्याशी थोपने की परंपरा को बंद करें राजनीतिक दल
बगहा । नगर के वार्ड संख्या 10 में बुधवार को चुनावी चौपाल का आयोजन किया गया। चौपाल की अध्यक्षता नृपें
बगहा । नगर के वार्ड संख्या 10 में बुधवार को चुनावी चौपाल का आयोजन किया गया। चौपाल की अध्यक्षता नृपेंद्र कुमार ने की। चौपाल में युवाओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। युवाओं में चुनाव को लेकर खासा उत्साह है। लोगों ने राजनीतिक दलों के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रत्याशी थोपने की परंपरा बंद करने की बात कही। लोगों ने कहा कि मतदाताओं की राय जाने बिना राजनीतिक दलों द्वारा प्रत्याशी थोप दिया जाता है। अब समय बदल गया है। चौपाल में यह निर्णय लिया गया कि दलगत भावना से ऊपर उठकर ही मतदान किया जाएगा। पहले मतदान को लेकर उत्सुक लक्की कुमार, राजीव, सुमित, सचिन ने कहा कि क्षेत्र में शिक्षा की समस्या को देखते हुए शिक्षा को प्रधानता देने वाले या शिक्षित प्रत्याशी को ही मतदान करेंगे। वहीं समाजसेवी नृपेंद्र कुमार ने कहा कि आजादी के बाद उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं को भी ध्वस्त करने वाली पार्टी या सरकार को मतदान करने का मतलब अपना मत खराब करना है। रामकुमार पांडेय, राजकुमार साह ने भी यातायात व रेल सेवा की अव्यवस्था पर अपने मन की भड़ास निकाली।
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चौपाल में इन मुद्दों पर हुई चर्चा :-
---शिक्षा व यातायात की लचर व्यवस्था
---स्वास्थ्य व आपदा प्रबंधन की बदहाल व्यवस्था
---अबतक डिग्री कॉलेज की स्थापना के लिए हुए प्रयास
---बेरोजगारी को दूर करने के लिए हुए प्रयास
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लोगों ने कहा :-
घोषणाओं पर अमल करने की आवश्यकता :-
सरकार पहले प्रत्याशी थोपने की परंपरा बंद करे व अब तक की घोषणाओं पर अमल करे। फिर मतदान की अपील करे। अगर राजनीतिक दलों द्वारा ऐसा किया जाता है तो मतदाताओं को भी लगेगा कि हमारी सरकार संवेदनशील है।
नृपेंद्र कुमार पांडेय, समाजसेवी
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अबतक नहीं बना डिग्री कॉलेज :-
करीब बीस साल से बगहा को जिला बनाने की मांग हो रही है। जिला तो बना, किंतु, आजतक सरकारी डिग्री कॉलेज की स्थापना नहीं हुई। शिक्षा के प्रति जनप्रतिनिधियों की संवेदनहीनता से हम शर्मिदा हैं।
अमरीश कुमार छात्र
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रोजगार की व्यवस्था करे सरकार :-
सरकार की घोषणा के अनुसार तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था होनी चाहिए। तकनीकी रूप से दक्ष युवा किसी पर भी आश्रित नहीं रहेंगे। जब युवा आत्मनिर्भर होंगे तो देश भी आत्मनिर्भर होगा। रोजगार की व्यवस्था होनी चाहिए।
रामकुमार पांडेय, समाजसेवी
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घोषणा पत्र में बेरोजगारी के मुद्दे को प्रत्याशी करें शामिल :-
रोजगार का अवसर विकसित नहीं होने के कारण क्षेत्र में बेरोजगारी की समस्या विकराल है। चुनावी माहौल में राजनीतिक दलों के घोषणा पत्रों में बेरोजगारी का मुद्दा शामिल होना चाहिए। इनके द्वारा अब तक सिर्फ लोक -लुभावन वादे ही किए जाते रहे हैं।
अशोक पांडेय, समाजसेवी
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किसानों की भी सुनी जानी चाहिए :-
किसानों की खुशहाली के लिए सरकार द्वारा अब तक सिर्फ वादा ही किया गया है। अब समय आ गया है कि किसानों के हक में सरकार काम करे। उत्पादित अनाज के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध हो, तो हर समस्या का समाधान हो जाएगा।
राजकुमार साह, किसान
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शिक्षकों की बहाली करे सरकार :-
विद्यालयों में शिक्षकों व भवनों की कमी को पूरा करने की आवश्यकता है। स्वस्थ्य और शिक्षित समाज ही मजबूत सरकार का निर्माण कर सकता है। समाज में लोकतंत्र के महत्व को समझने के लिए शिक्षा का उचित व्यवस्था हो।
अजय कुमार छात्र
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