कोरोना गाइडलाइन के अनुसार होगी पूजा, मंदिरों में प्रवेश पर रोक
बगहा। चैत्र नवरात्र की शुरुआत मंगलवार से हो रही है। पिछली बार की तरह इस बार भी कोरोन
बगहा। चैत्र नवरात्र की शुरुआत मंगलवार से हो रही है। पिछली बार की तरह इस बार भी कोरोना के साये में इसका आयोजन होगा। पिछली बार लॉकडाउन के चलते मंदिर पूरी तरह से बंद थे। लोगों ने घरों में पूजा की थी। इस बार लॉकडाउन तो नहीं है लेकिन, बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार ने 30 अप्रैल तक मंदिरों को बंद रखने का आदेश दिया है। जिसको इस बार भी लोगों को घर में ही पूजा करनी होगी। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि 12 अप्रैल को प्रात: आठ बजे से शुरू होकर 13 अप्रैल को प्रात: 10:16 बजे समाप्त हो रही है।
आनंदनगर निवासी आचार्य पंडित डॉ. अशोक कुमार मिश्र ने बताया कि शक्ति उपासना का पर्व चैत्र नवरात्रि के साथ ही हिदू नववर्ष की शुरूआत होती है। प्राय: इस धर्म में मां दुर्गा को शक्ति का रूप माना जाता है। इसमें मां दुर्गा के नौ अलग अलग रूपों की पूजा अर्चना के साथ उपवास भी किया जाता है पहले दिन घट स्थापना से पूजा की शुरूआत होती है। जिसमें प्रथम दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तृतीय चंद्रघंटा, चतुर्थ कुष्मांडा, पंचम स्कंदमाता, षष्ठी को कात्यायनी, सप्तम में कालरात्री अष्टम में महागौरी व नवमी को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। डॉ. मिश्र ने बताया कि माता का पूजा करने के लिए घट स्थापना कर माता का आह्वान करने से पहले घरों की व आसपास की साफ सफाई सबसे आवश्यक है। इस बार माता का आगमन घोड़े पर हो रहा है। जबकि प्रस्थान नर वाहन (मानव कंधा) बताया गया है। आचार्य ने कहा कि घर में कलश स्थापना के लिए सुबह घरों की अच्छी तरह साफ सफाई कर गंगा जल से उसको पवित्र करें। नया वस्त्र धारण कर ही फूल फल व प्रसाद आदि के साथ विधि के अनुसार मंत्रोच्चार कर कलश स्थापित करें। कलश स्थापना की चल रही तैयारी :- नगर के वार्ड संख्या आठ निवासी माता की उपासक रमावती देवी, सेमरा निवासी कुसुम नंदनी, चंदा कुमारी व यमुनापुर निवासी यशोदा देवी ने बताया कि विगत वर्ष लॉकडाउन होने के कारण उनके द्वारा घर पर ही कलश स्थापना कर माता की पूजा व उपासना की गई थी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन होने के कारण बाजार भी बंद थे जिससे मिठाई व अन्य प्रसाद घर पर स्वयं ही तैयार किया गया था। पास में रखा हुआ नया वस्त्र ही माता को चढ़ाया गया था। देखना है कि उनके पास नया वस्त्र अगर है तो ठीक नहीं तो वस्त्र छोड़कर अन्य सामानों को घर में ही तैयार करने की योजना में श्रद्धालु अभी से जुट गए हैं। बंद रहे मंदिर के कपाट :- सरकार द्वारा लॉकडाउन नहीं होने के बावजूद मंदिर बंद रहने का आदेश निर्गत हुआ है। ऐसे में पूजा अर्चना होगी। आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिरों के पट बंद रहेंगे। चंडी स्थान के पुजारी उमेश मिश्र ने कहा कि यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु और सैकड़ों की संख्या में दुकानदारों का आना होता है। विगत वर्ष लॉकडाउन होने के कारण मंदिर सहित पूरा परिसर सुनसान पड़ा था। हमलोग अंदर एकांत में पूजा आदि कर लेते थे। इस वर्ष सार्वजनिक रूप से पूजा नहीं करने का आदेश निर्गत हुआ है। आम लोगों के लिए मंदिर बंद रखने का आदेश निर्गत हुआ है। जिसका पालन सख्ती से किया जाएगा।