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उदीयमान सूर्य को अ‌र्ध्य देने उठे हजारों हाथ, दिखी आस्था की लहर

लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा शनिवार को उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 01:16 AM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 01:16 AM (IST)
उदीयमान सूर्य को अ‌र्ध्य देने उठे हजारों हाथ, दिखी आस्था की लहर
उदीयमान सूर्य को अ‌र्ध्य देने उठे हजारों हाथ, दिखी आस्था की लहर

बेतिया। लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा शनिवार को उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया। पर्व को लेकर घर-घर में मेले जैसा उत्सवी माहौल रहा। वहीं कोविड-19 के चलते घाटों पर विशेष व्यवस्था की गई। चार दिनों तक कठिन तप की साधना के दौरान व्रतियों ने आस्था से लबरेज होकर भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की। इससे पहले शुक्रवार की शाम व्रतियों ने डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य दिया और तत्पश्चात अपने अपने घरों में कोशी पूजा की। रातभर जगकर व्रतियों ने छठी मईया के पारंपरिक गीत गाए और परिवार तथा समाज के लिए मंगलकामना की। दो बजे रात से ही व्रतियों का घाटों पर आने का सिलसिला शुरू हुआ। सुबह उदयीमान सूर्य की अराधना की और विधिवत पूजा अर्चना कर अपने अपने घरों को लौट गए। घाटों पर कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए, होई ना देवर जी सहइया बहंगी घाटे पहुंचाए जैसे गीत छठ महापर्व की महिमा का बखान अपने आप कर रहे थे। जैसे ही सूर्यदेव अपनी लालिमा बिखेर प्रकट हुए वैसे ही वो पारंपरिक गीत भी बजने लगा कि जोड़-जोड़े नारियल तोहे चढ़इबो ना छठी मईया खोल ना हो केवड़िया..

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मेले में तब्दील हुए छठ घाट

जिले के कई छठ घाटों पर इस बार कोविड-19 के चलते मेला का नजारा कम देखने को मिला। वहीं बहुत सारे घाटों मेला की धुम रही। घाट के आस पास बच्चों के लिए झूला लगे थे वही चाट, व कूल्फी की दुकाने भी थी। कई लोगों में कोविड-19 को खौफ नहीं था। वे मेले का खुब आनंद उठाएं। घाटों पर बच्चे ने जमकर आतिशबाजी भी की। ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से छठ पूजा के पारंपरिक गीत चार चांद लगा रहे थे। छठ घाटों को सुंदर व सुव्यवस्थित करने में छठ घाट पूजा कमेटियां भी सक्रिय रही।

इनसेट

सेल्फी लेने की मची रही होड़

महापर्व छठ पूजा को यादगार बनाने के लिए युवक-युवतियों में सेल्फी लेने की होड़ मची रही। नए परिधानों में सजे धजे युवक अपने अपने एंगल से सेल्फी लेने में जुटे रहे। कोई घाट पर तो कोई घाट के किनारे पानी को केन्द्र बिन्दू बनाकर सेल्फी लेता रहा। सबसे आकर्षक रूप सागर पोखरा के पास का रहा। यहां कई ऐसे बच्चे थे जो पानी में प्रवेश कर सेल्फी लेते रहे। वही परिवार वाले भी बहंगी और सुपली के साथ सेल्फी लेने में मशगूल रहे। घाटों पर लिए गए फोटो और विडियो को सोशल मीडिया पर वायरल किया जाता रहा।

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