Move to Jagran APP

माघ मौनी अमावस्या के दौरान बार्डर पर आवाजाही बंद होने की आशंका

माघ मौनी अमावस्या मेले पर वाल्मीकिनगर इंडो-नेपाल बॉर्डर पर फिर से आवाजाही बंद होने की आशंका को लेकर सीमावर्ती लोगों की चिता बढ गई है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोग डरे हुए हैं। नेपाल से लगे बॉर्डर इलाकों में दोनों मुल्क एक-दूसरे पर पूरी तरह निर्भर हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 12:58 AM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 12:58 AM (IST)
माघ मौनी अमावस्या के दौरान बार्डर पर आवाजाही बंद होने की आशंका
माघ मौनी अमावस्या के दौरान बार्डर पर आवाजाही बंद होने की आशंका

बगहा । माघ मौनी अमावस्या मेले पर वाल्मीकिनगर इंडो-नेपाल बॉर्डर पर फिर से आवाजाही बंद होने की आशंका को लेकर सीमावर्ती लोगों की चिता बढ गई है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोग डरे हुए हैं। नेपाल से लगे बॉर्डर इलाकों में दोनों मुल्क एक-दूसरे पर पूरी तरह निर्भर हैं। व्यापार के साथ ही दोनों मुल्कों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक रिश्ते भी हैं।

loksabha election banner

ऐसे में सदियों से दोनों मुल्कों के बीच रोटी और बेटी के रिश्ते कायम है। लेकिन कोरोना की बढ़ते मामलों ने दोनों देशों के प्रशासन को फिर से चिता में डाल दिया है। देश में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रान के खतरे के बीच इंडो-नेपाल बॉर्डर पर भी प्रशासन ने सख्ती कर दी है। अब विशेष पर्व, त्योहार, एवं मेले के अवसर पर भारत से उन्हीं लोगों को नेपाल आने दिया जाएगा जो सरकार के कोरोना को लेकर बनाए मानकों को पूरा करते हैं। बताते चलें कि यह एक खुली सीमा है। गंडक बराज जरिए दोनों मुल्कों को जोड़ा गया है। इस बॉर्डर से सिर्फ उन्हीं नागरिकों को प्रवेश करने दिया जाएगा। जिनकी 72 घंटो के भीतर की कोविड टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव हो। साथ ही जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज ली हो।

-----------------------

कोविड की एसओपी का पालन करना होगा

कोरोना संक्रमण का खतरा कम होने के बाद नेपाल सरकार ने भारत के साथ आवाजाही खोल दी थी। भारत की ओर से नेपाल के वाहन और नागरिकों की आवाजाही पर किसी तरह की रोक नहीं थी। लेकिन एक बार फिर उन्हें नेपाल में प्रवेश के लिए एसओपी के नियमों का पालन करते हुए कोरोना की जांच रिपोर्ट या फिर कोविड टीके की दोनों डोज लगने का प्रमाण दिखाना होगा। कोरोना संक्रमण का साया मंडराने से लोग डरे हुए हैं। कोरोना का नया स्वरूप आने से बॉर्डर क्षेत्र में हड़कंप मचा है। बता दें कि साल 2020 मार्च में कोरोना की दस्तक के बाद इंडो-नेपाल की सीमाओं को अग्रिम आदेशों तक बंद कर दिया गया था।

जिसके बाद करीब डेढ़ साल सीमाओं से दोनों देशों के नागरिकों की आवाजाही प्रभावित रही। दोनों देशों के अधिकारियों के आपसी समन्वय से फिलहाल वाल्मीकिनगर सीमा पर आवागमन जारी है। हालांकि दोनों देशों के चेक पोस्ट पर मास्क पहनने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इंडो-नेपाल सीमा गंडक बराज पर कोरोना वायरस से बचाव के लिए जारी जागरूकता अभियान के साथ जांच भी चल रही है। स्वास्थ्यकर्मी एसएसबी के जवानों के साथ लोगों को कोरोना वायरस के संबंध में जानकारी दे रहे हैं और बचाव के लिए मास्क लगाने का अनुरोध किया जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.