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हत्याकांड के आरोपितों को लाभ पहुंचाने के लिए दारोगा ने की सौदेबाजी, निलंबित

नशे में धुत बाइक चालक ने ठोकर मार कर युवक को मौत के घाट उतार दिया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 05:33 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 05:33 PM (IST)
हत्याकांड के आरोपितों को लाभ पहुंचाने के लिए दारोगा ने की सौदेबाजी, निलंबित
हत्याकांड के आरोपितों को लाभ पहुंचाने के लिए दारोगा ने की सौदेबाजी, निलंबित

बगहा। नशे में धुत बाइक चालक ने ठोकर मार कर युवक को मौत के घाट उतार दिया। युवक के परिजन जवान बेटे की मौत की पीड़ा से तड़प रहे थे और उधर, आरोपियों से पुलिस सौदेबाजी कर रही थी। दुर्घटना जिस बाइक से हुई उसपर तीन लोग सवार थे। उनके पास शराब की खुली हुई बोतल थी। तीनों नशे में धुत थे। भूना हुआ मांस और अंडा भी मौके से मिला था । लेकिन जब दारोगा ने प्राथमिकी दर्ज की तो उसमें न तो शराब का जिक्र किया और ना ही आरोपियों के नशे में होने की बात लिखी। जब बेटे के मौत की सदमा से धीरे धीरे उसके परिजन बाहर निकले और अब उनका एक मात्र लक्ष्य आरोपियों को सजा दिलाना बना तो वे प्राथमिकी देख दंग रहे गए। इसके बाद मृतक के परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों के एसपी को एक आवेदन दिया। एसपी ने जब जांच कराई तो मामला खुलकर सामने आ गया। अभियुक्त को लाभ पहुंचाने के लिए जब्ती सूची में शराब का जिक्र नहीं करने वाले दारोगा सुधीर कुमार ¨सह को एसपी ने निलंबित करते हुए लाइन हाजिर कर दिया है। एसपी अर¨वद कुमार गुप्ता ने बताया कि 13 सितंबर को बाइक दुर्घटना हुई थी। जिसमें युवक की मौत हो गई थी। आरोपी नशे में धुत थे। लेकिन प्राथमिकी में न तो उनके नशे में होने का जिक्र किया गया और ना ही शराब बरामदगी दिखाई गई। एसडीपीओ की जांच के बाद यह कार्रवाई की गई है। यदि कोई भी पुलिस पदाधिकारी अपने क‌र्त्तव्य से विमुख हुआ तो उसके खिलाफ कार्रवाई तय है। यह है मामला :-

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गत 13 सितंबर की शाम गुलहरिया गांव निवासी विपिन राय उम्र 30 वर्ष पिता पहवारी राय की मौत गुलहरियां-घघवा मुख्य सड़क पर बाइक दुर्घटना में हो गयी थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बाइक पर तीन लोग सवार थे। जो यूपी के तरफ से आ रहे थे। तीनों शराब के नशे में धुत थे। बाइक तेज गति होने के कारण संतुलन खो दिए और खेत घूम कर आ रहे विपिन राय को ठोकर लग गई। जहां मौके पर ही उनकी मौत हो गयी। वहीं बाइक पर सवार तीनों लोग बाइक छोड़ कर फरार हो गए। एसडीपीओ की जांच के दौरान यह पाया गया कि बाइक की डिक्की में एक बोतल शराब और भुना हुआ मांस मिला था। जिसको मृतक के पिता ने घटनास्थल पर पहुंची पुलिस को सुपुर्द कर दिया था। हालांकि घटना के दिन थानाध्यक्ष दिनेश कुमार दास अवकाश पर थे। पुलिस ने मृतक के पिता के आवेदन के आलोक में बाइक पर सवार तीनों लोगो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज तो की लेकिन न तो नशे का और ना ही शराब बरामदगी का जिक्र किया। जिसके बाद मृतक के पिता ने एसपी से मिलकर इस मामले की जांच कराने की मांग की थी। पुलिस अधिकारी कर रहे कांड को कमजोर :-

बकौल एसपी शराब कारोबार पर रोक के लिए पुलिस की सक्रियता आवश्यक है। कुछेक पुलिसकर्मियों के द्वारा कांड को कमजोर किया जा रहा है। ऐसे पुलिस कर्मियों के खिलाफ जांच के बाद कठोर कार्रवाई की जाएगी। बता दे कि हाल के दिनों में मुख्यमंत्री ने शराब कांडों की समीक्षा भी थी और सूबे के सभी पुलिस अधिकारियों को आदेश जारी किया था कि शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू किया जाए। इसमें यदि कोई पुलिस पदाधिकारी या कर्मी की संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। बर्खास्तगी भी संभव है।


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