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बगहा के गन्ना किसानों पर फिर आफत ,अगले पेराई सीजन में नहीं चलेगी चीनी मिल

बगहा। बगहा क्षेत्र के करीब 40 हजार गन्ना किसानों के लिए बुरी खबर है। तिरूपति चीनी मिल में पेराई सीज

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Jun 2018 12:15 AM (IST)Updated: Wed, 06 Jun 2018 12:15 AM (IST)
बगहा के गन्ना किसानों पर फिर आफत ,अगले पेराई सीजन में नहीं चलेगी चीनी मिल
बगहा के गन्ना किसानों पर फिर आफत ,अगले पेराई सीजन में नहीं चलेगी चीनी मिल

बगहा। बगहा क्षेत्र के करीब 40 हजार गन्ना किसानों के लिए बुरी खबर है। तिरूपति चीनी मिल में पेराई सीजन 2018-19 में गन्ना की पेराई संभव नहीं है। वर्तमान व्यवस्था में चीनी मिल प्रबंधन ने अगला सीजन आरंभ करने में असमर्थता जाहिर की है। मिल प्रबंधन ने इसके लिए बिहार सरकार के साथ साथ क्षेत्र के गन्ना किसानों को भी आगाह कर दिया है। चीनी मिल के इस निर्णय से यहां किसानों के होश उड़े हैं। करीब 60 हजार एकड़ भूमि में इस वर्ष किसानों ने गन्ना की खेती की है। अगर मिल नहीं चली तो यहां के किसान आत्महत्या करने को मजबूर होंगे। चीनी मिल के महाप्रबंधक (पर्सनल) वाईएस भटनागार ने बताया कि शीरे की उठाव नहीं होने के कारण मिल का अगले सत्र में चलना संभव नही लग रहा है।

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पेराई सीजन 2017-18 में चीनी मिल में कुल 6,32,860 ¨क्वटल शीरा का उत्पादन हुआ था ,जिसमें से 1,20,747 ¨क्वटल शीरा का उठाव हुआ है। अभी भी चीनी मिल के पास 5,12,113 ¨क्वटल शीरा अवशेष है। शीरा रखने की व्यवस्था चीनी मिल के पास नहीं है। शीरा रखने वाला स्टील टैंक भर गया है। इस लिए मिल परिसर से बाहर कच्चे गड्ढे खोद कर शीरा स्टोर किया गया है। शीरा के उठाव के लिए बार - बार मिल प्रबंधन की ओर से सरकार के सक्षम अधिकारियों से निवेदन किया गया। लेकिन सरकारी स्तर से इस दिशा में कोई पहल नहीं हो रही है। इससे मिल को काफी नुकसान है।

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- शीरा स्टोर की व्यवस्था नहीं

मिल प्रबंधन के पास अगले सीजन में उत्पादित शीरा को रखने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। इस लिए प्रबंधन ने चीनी मिल चलाने से ही इन्कार कर दिया है। मिल के निदेशक दीपक यादव ने बताया कि शीरा के उठाव की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी सरकार की है। अगर सरकार के स्तर से अभी से शीरा के उठाव की व्यवस्था की जाती है तो भी उठाव में कम से कम 4-5 महीने लग जाएंगे। फिर नए शीरा को रखने के लिए टैंक की सफाई कराते - कराते काफी वक्त लग जाएगा। ऐसे में समय से मिल का पेराई सत्र आरंभ करना असंभव है। चूंकि इस वर्ष किसानों ने अधिक गन्ना की खेती की है। पेराई सीजन आरंभ करने के बाद यह मिल की जिम्मेदारी होगी कि सभी किसानों की गन्ना की पेराई हो जाए उसके बाद ही पेराई सीजन बंद हो। जो फिलवक्त संभव नहीं लग रहा है।


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