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जंगली जीवों व जंगल की सुरक्षा के लिए बनी रणनीति

बगहा। हरनाटांड़ रविवार को बिहार के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन (अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक) एके पांडेय ने अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वनों में जंगल व जानवरों की सुरक्षा विकास और इको टूरिज्म से संबंधित कार्यों का जायजा लिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Mar 2019 11:43 PM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2019 11:43 PM (IST)
जंगली जीवों व जंगल की सुरक्षा के लिए बनी रणनीति
जंगली जीवों व जंगल की सुरक्षा के लिए बनी रणनीति

बगहा। हरनाटांड़, रविवार को बिहार के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन (अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक) एके पांडेय ने अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वनों में जंगल व जानवरों की सुरक्षा, विकास और इको टूरिज्म से संबंधित कार्यों का जायजा लिया। एपीसीसीएफ श्री पांडेय ने शुक्रवार व शनिवार को वन प्रमंडल एक व दो के मंगुराहां, गोवर्धना, रघिया, गोनौली, वाल्मीकिनगर मदनपुर आदि वन क्षेत्रों में जंगल व जानवरों की सुरक्षा की समीक्षा की थी। रविवार को उन्होंने रेल व गंडक नदी से जंगल को हो रहे नुकसान का भी जायजा लिया। इसके बाद मौके पर मौजूद वीटीआर के अधिकारियों को रेल ट्रैक व नदी के कटाव से जंगल को बचाने का सुझाव दिया और कहा कि हर हाल में जंगल व जानवरों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि वीटीआर के वन क्षेत्रों में अधिकारियों व कर्मचारियों की घोर कमी है। इस कमी को दूर करने के लिए सरकार व राज्य वन्य मुख्यालय की ओर से पहल हो रही है। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो जल्द ही इस समस्या का समाधान हो जाएगा। इधर शनिवार की दोपहर मदनपुर वन क्षेत्र पहुंचकर वन क्षेत्र होकर गुजरी रेल ट्रैक का निरीक्षण किया। एपीसीसीएफ ने उन स्थलों को देखा जहां ट्रेनों से कटकर जंगली जानवरों की मौत हुई है। ट्रेन से जानवरों के बचाव के लिए अंडर पास और रेलवे द्वारा कराए जा रहे गाटर ब्रिज के स्थलों का भी जायजा लिया। इस मौके पर मौजूद वीटीआर के सीएफ एच के राय, डीएफओ गौरव ओझा आदि से सुरक्षा का हालात जाना। संध्या पहर वे बेतिया वन प्रमंडल के लिए रवाना हो गए।

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जानवरों के चारागाह ग्रासलैंड को विकसित करें :

वाल्मीकिनगर, मदनपुर व गोनौली आदि वन क्षेत्रों के ग्रासलैंड का निरीक्षण करते हुए राज्य के एपीसीसीएफ श्री पांडेय ने मौके पर मौजूद अधिकारियों से कहा कि शाकाहारी जानवरों के भोजन के लिए वन क्षेत्रों में ग्रासलैंड को विकसित करें। उस ग्रासलैंड में विभिन्न प्रजाति के घासों को उगाए। ताकि जानवरों को जंगल के अंदर ही भोजन मिले। उन्होंने आग से जंगल के ग्रासलैंड को बचाने का सुझाव दिया। इस मौके पर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक हेमकांत राय, वन प्रमंडल एक के डीएफओ अमरीश कुमार मल्ल, वन प्रमंडल दो के डीएफओ गौरव ओझा, वाल्मीकिनगर व मदनपुर वन क्षेत्र अधिकारी बीके दराध, गोनौली रेंजर अवधेश प्रसाद सिंह व गोव‌र्द्धना, मंगुराहां व रघिया रेंजर शामिल थे।


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