गंडक नदी में अनिबंधित नावों के परिचालन पर रोक
बगहा। गंडक नदी में अनिबंधित नावों के परिचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। नावों के परिचालन से पू
बगहा। गंडक नदी में अनिबंधित नावों के परिचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। नावों के परिचालन से पूर्व हर हाल में नाविक को प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा और संबंधित कागजात के साथ आवेदन पत्र देना होगा। संबंधित अंचलाधिकारी नावों के निबंधन की प्रक्रिया पूरी करेंगे। नावों का फिटनेस टेस्ट होगा जिसके बाद ही नावों के परिचालन का आदेश जारी होगा।
बुधवार को एसडीएम घनश्याम मीना ने बरसात शुरू होने से पूर्व गंडक पार के सभी चारों प्रखंडों क्रमश: मधुबनी, पिपरासी, ठकराहां और भितहां के संवेदनशील घाटों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने संबंधित अंचलाधिकारियों से नावों के निबंधन और नाविकों के प्रशिक्षण की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। बीते कुछ वर्षो में नाव दुर्घटनाओं के बढ़े हुए ग्राफ को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर इस बार पुख्ता तैयारी की जा रही है।
एसडीएम ने बारी-बारी से गंडक पार के कई घाटों का जायजा लिया और नाविकों तथा स्थानीय अधिकारियों से बातचीत की। एसडीएम ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वैसे नावों का परिचालन गंडक नदी में नहीं होगा। जिनका निबंधन नहीं है। स्थानीय अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि नावों का परिचालन नहीं हो। यदि इसके बावजूद ऐसा हुआ तो अधिकारी भी दोषी माने जाएंगे। एसडीएम ने कहा कि नावों के निबंधन के लिए सीओ आवेदन लेंगे। जिसे जिला परिवहन पदाधिकारी को हस्तगत किया जाएगा। जांच के बाद ही निबंधन होगा।
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चार प्रखंडों में 20 नावें निबंधित
गंडक पार के चारों प्रखंडों को मिलाकर महज 20 नावें निबंधित हैं। जबकि प्रतिदिन नदी में 100 से अधिक नावें उतरती हैं। एसडीएम को अंचलाधिकारियों के द्वारा दी गई रिपोर्ट पर गौर करें तो ठकराहां और भितहां में 05-05, मधुबनी में 06 और पिपरासी में महज 04 नावें निबंधित हैं। इस परिस्थिति में दुर्घटनाओं की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता।
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पीपी तटबंध पर अतिक्रमण बरकरार :-
करीब 10 दिन के बाद गंडक पार के घाटों का जायजा लेने पहुंचे एसडीएम पिपरा-पिपरासी तटबंध पर अतिक्रमण देख बिफरे। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और अविलंब तटबंध पर रखे गए पुआल समेत अन्य वस्तुओं को हटाने का निर्देश दिया।
उल्लेखनीय है कि एसडीएम ने अपने पूर्व के निरीक्षण के उपरांत जिलाधिकारी को जो रिपोर्ट भेजी थी उसमें अतिक्रमण के कारण तटबंध के 0 से 35 किलोमीटर के बीच कुल 16 ¨बदुओं पर रैट होल और तटबंध के कमजोर होने की आशंका व्यक्त करते हुए खतरे की संभावना जताई थी। तत्क्षण एसडीएम ने अंचलाधिकारियों को अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था, लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं होने से एसडीएम खासे नाराज दिखे।
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बयान :-
बगैर निबंधन गंडक नदी में नावें नहीं उतरेंगी। सभी सीओ को इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी कर दिया गया है। पीपी तटबंध से एक हफ्ते के भीतर अतिक्रमण हटाने का टास्क दिया दिया गया है।
घनश्याम मीना, एसडीएम बगहा।