ग्रामीणों की मांग पर एसडीएम ने रोका कार्य,नहीं बनेगा बांध
रामनगर के इमरती कटहरवा गांव में बुधवार को पहुंचे अनुमंडल पदाधिकारी शेखर आनंद ने मसान नदी पर बनने वाले बांध के स्थल का अवलोकन किया। ग्रामीणों के साथ एक बैठक कर उनकी बातें सुनी।
बगहा । रामनगर के इमरती कटहरवा गांव में बुधवार को पहुंचे अनुमंडल पदाधिकारी शेखर आनंद ने मसान नदी पर बनने वाले बांध के स्थल का अवलोकन किया। ग्रामीणों के साथ एक बैठक कर उनकी बातें सुनी। जिसके बाद ग्रामीणों के मांग को देखते हुए फिलहाल बांध निर्माण कार्य को रोक दिया। एसडीएम ने कहा कि इसके लिए उच्च अधिकारियों को ग्रामीणों की समस्याओं से अवगत कराया जाएगा। संबंधित ड्रैनेज कंट्रोल विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की जाएगी। तब तक यह कार्य बंद रहेगा। कहा कि गांव को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। किसी भी हालत में गांव को डूबने से बचाया जाएगा। इस स्थल पर रिग बांध बनाने व पायलट चैनल के निर्माण को लेकर प्रपोजल तैयार करने का भी आश्वासन दिया। इस आश्वासन के बाद ग्रामीणों में भी खुशी का माहौल है।
मौके पर ड्रैनेज कंट्रोल विभाग के कार्यपालक अभियंता लाल बहादुर गुप्ता, सहायक अभियंता सचिन कुमार कनीय अभियंता रमेश प्रसाद व दीपक कुमार, पंचायत के मुखिया जितेन्द्र बहादुर सिंह के साथ स्थानीय अधिकारियों में अंचलाधिकारी विनोद मिश्रा, थानाध्यक्ष अभिनंदन सिंह समेत अन्य दर्जनों की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। बता दें कि इस गांव से दक्षिण तरफ मसान नदी पर 250 मीटर का बांध करीब दो करोड़ 41 लाख की लागत से बनाने का प्रस्ताव है। जिसका विरोध ग्रामीण कर रहे हैं। ग्रामीणों की मानें तो इमरती कटहरवा गांव को बचाने के नाम पर बनने वाले इस बांध से गांव को कोई राहत नहीं मिलेगी। इसलिए इसका निर्माण ही निर्रथक है। कई बार इसको लेकर अधिकारी स्थल पर गए। पर, ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे। जिसके बाद बुधवार को एसडीएम ने खुद स्थल का निरीक्षण किया।
------------------------------
ग्रामीणों की मांग में रिग बांध व पायलट चैनल शामिल
----------------------------
इमरती कटहरवा गांव के बिल्कुल करीब से मसान नदी बहती है। बीते वर्ष में आए इस नदी में बाढ़ के कारण कई एकड़ कृषि भूमि का कटाव हुआ था। ग्रामीणों को पलायन भी करना पड़ा था। उस दौरान कटावरोधी कार्य भी गांव को बचाने के लिए किया गया। पर, ग्रामीणों की मानें तो उससे भी बहुत फायदा नहीं हुआ। इसके बाद इस गांव को बचाने के लिए 800 मीटर बांध का प्रस्ताव भेजा गया था। पर, विभाग की तरफ से 250 मीटर ही बनाने का आदेश मिला है। जिसे गांव से दक्षिण साइड में बनाने की बात कही गई थी। ग्रामीणों की मानें तो बांध पर करोड़ों रुपये खर्च के बाद भी इससे गांव को कोई फायदा हीं नहीं होगा। बरसात में फिर से वही परेशानी होगी। ग्रामीणों ने इस स्थल पर रिग बांध बनाने की मांग उठाई है। नदी की धारा को गांव से पश्चिम की तरफ मोड़ने के लिए पायलट चैनल की मांग की है। इसको लेकर ग्रामीण बीते एक महीने से अड़े हैं।