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मुआवजा नहीं मिलने से किसानों में आक्रोश

बगहा। छितौनी तमकुही रेल लाइन परियोजना के लिए रेलवे द्वारा अधिग्रहित की गई सर्वे की जमीन का मुआवजा अ

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Jun 2018 10:00 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jun 2018 10:00 PM (IST)
मुआवजा नहीं मिलने से किसानों में आक्रोश
मुआवजा नहीं मिलने से किसानों में आक्रोश

बगहा। छितौनी तमकुही रेल लाइन परियोजना के लिए रेलवे द्वारा अधिग्रहित की गई सर्वे की जमीन का मुआवजा अब तक किसानों को नहीं मिल सका है । ऐसे में किसानों के बीच सरकार के प्रति नाराजगी देखी जा रही है। इसको लेकर दर्जनों किसानों ने जिलाधिकारी बेतिया को आवेदन देकर रेलवे द्वारा अधिग्रहित की गई भूमि का मुआवजा दिलाने का गुहार लगाई है । मामला पिपरासी प्रखंड के सेमरा लबेदहा व मंझरिया पंचायत का है । यहां के किसान राधा बिन उर्फ राधा मोहन प्रसाद ,दुखी साह, जगन्नाथ गोसाई, रामायण सहनी, इंद्रासन शाह, काशीनाथ महतो ,बासुदेव यादव ,महंत यादव ,कलावती देवी आदि ने जिलाधिकारी बेतिया को एक आवेदन देकर बताया है कि रेलवे द्वारा वर्ष 2006-07 में उनके सर्वे की जमीन को अधिग्रहित किया गया था । ताकि रेल लाइन के लिए छितौनी से तमकुही तक बांध बनाया जा सके ।अब बांध का कार्य जोरों पर है । लेकिन इन किसानों को सर्वे के मुताबिक मुआवजा नहीं मिल सका है । बहेरी स्थान गांव के किसान राधा मोहन प्रसाद ने बताया कि रेलवे द्वारा मनमाने ढंग से बांध का कार्य कराया जा रहा है । जिसके कारण उनके खेत में लगे लगभग ढाई सौ शीशम व सागवान के पेड़ इस रेलवे बांध में पड़ गया है। रेल परियोजना द्वारा हरा पेड़ कटवाने का दबाव बनाया जा रहा है । जबकि भू अर्जन विभाग के द्वारा अपने अधिग्रहण के दौरान हरा पेड़ का किसी तरह का जिक्र नहीं किया गया है । प्रस्तावित सर्वे की भूमि से कहीं ज्यादा और कहीं सर्वे से हटकर रेल लाइन बांध का निर्माण किया जा रहा है ।

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