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लाठी के सहारे वीटीआर के जंगल की सुरक्षा

बगहा। वीटीआर (वाल्मीकि टाइगर रिजर्व) की सुरक्षा में लगाए गए वनकर्मियों के पास हथियार के ना

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Oct 2020 12:29 AM (IST)Updated: Fri, 02 Oct 2020 12:29 AM (IST)
लाठी के सहारे वीटीआर के जंगल की सुरक्षा
लाठी के सहारे वीटीआर के जंगल की सुरक्षा

बगहा। वीटीआर (वाल्मीकि टाइगर रिजर्व) की सुरक्षा में लगाए गए वनकर्मियों के पास हथियार के नाम पर सरकार ने लाठी थमा रखी है। इसके चलते जंगल में जानवरों, जड़ी-बूटियों व कीमती पेड़ों की तस्करी में संलिप्त तस्करों से जब वनकर्मियों का सामना होता तो उन्हें पीछे हटना पड़ता है। वजह, तस्कर अत्याधुनिक हथियारों से लैस रहते हैं। कई बार यह मांग उठ चुकी है कि सशस्त्र दस्ते को सुरक्षा में लगाया जाए, परंतु अब तक पहल नहीं हुई है।

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वीटीआर एक ओर उत्तर प्रदेश तो दूसरी तरफ नेपाल से घिरा है। आसपास के गांवों के लोग अक्सर जंगल में घुसपैठ करते हैं। वन तस्कर भी सक्रिय रहते हैं। मौका मिलने पर जंगली जानवरों का शिकार करते हैं। सुरक्षा के लिए संविदा पर तकरीबन 500 वनकर्मी तैनात हैं। ये लाठी के सहारे पेट्रोलिग करते हैं। इसमें टाइगर ट्रैकर भी शामिल हैं। सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए वर्ष 2018 में वीटीआर प्रशासन ने वन मंत्रालय और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को पत्र भेजा था, लेकिन कुछ नहीं हो सका है।

---------------------------- छह रेंजों में शिकार नियंत्रण कक्ष स्थापित

वन विभाग की ओर से जंगल की सुरक्षा व निगरानी के लिए वीटीआर के छह रेंजों में शिकार नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। हालांकि अब नियंत्रण कक्षों में सोलर पैनल लगाकर रोशनी के प्रबंध किए गए हैं, लेकिन फिर भी अभी कई बीट ऐसे हैं जो रात्रि में अंधेरे में डूबा रहता है। ऐसे में वनकर्मियों को महज टार्च का ही सहारा होता है । बाघों की सुरक्षा के लिए टीटी, पीटी व होमगार्ड की टीम जंगल में गश्त करती है। गश्त के दौरान बाघों के पगमार्क के आधार पर बाघों के मूवमेंट की रिपोर्ट तैयार की जाती है। यह रिपोर्ट प्रतिदिन शाम को उच्च अधिकारियों को भेजी जाती है।

------------------------------------------------ अनुबंध पर बहाल वनकर्मियों के भरोसे है जंगल की सुरक्षा : वीटीआर में गश्त के दौरान वनकर्मियों पर बाघों व अन्य वन्यजीवों के हमले हो चुके हैं। एक रेंजर को दो रेंज का काम संभालना पड़ रहा है। वीटीआर जंगल का विशाल क्षेत्रफल होने के बावजूद न तो पर्याप्त वनकर्मी हैं और न ही संसाधन। इसके बावजूद वन अधिकारी और वन कर्मी जान जोखिम में डालकर वन संपदा की रखवाली करते हैं। फॉरेस्ट गार्ड को एक साथ कई सीटों की रखवाली करनी पड़ रही है। सशस्त्र बल के नाम पर होम गार्ड के जवान है। जिनके पास पुरानी राइफल है। जो मौके पर फायर कर पाएगी इसमें भी संदेह होता है। ------------------------- बयान

वीटीआर में कर्मियों के कई पद रिक्त हैं। विभाग को कई बार त्राहिमाम संदेश भेजा जा चुका है। उम्मीद है कि जल्द ही पर्याप्त मानव बल की बहाली होगी। एचके राय, मुख्य वन संरक्षक, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व


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