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नाव से पहुंचे अधिकारी, बाढ़ पीड़ितों के लिए हुई भोजन की व्यवस्था

कोरोना संकट के बीच बाढ़ ने प्रशासनिक महकमे की चुनौतियां बढ़ा दी हैं। बगहा दो प्रखंड के चकदहवा झंडू टोला और बीन टोली गांव गंडक नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 12:17 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 12:17 AM (IST)
नाव से पहुंचे अधिकारी, बाढ़ पीड़ितों के लिए हुई भोजन की व्यवस्था
नाव से पहुंचे अधिकारी, बाढ़ पीड़ितों के लिए हुई भोजन की व्यवस्था

बगहा । कोरोना संकट के बीच बाढ़ ने प्रशासनिक महकमे की चुनौतियां बढ़ा दी हैं। बगहा दो प्रखंड के चकदहवा, झंडू टोला और बीन टोली गांव गंडक नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में हैं। प्रशासनिक स्तर पर सक्रियता न होती तो इन गांवों के करीब दो सौ लोगों को दो वक्त का भोजन तक नसीब नहीं हो पाता। लेकिन, बीते तीन दिनों से बारिश के बीच बीडीओ प्रणव कुमार गिरि, सीओ राकेश कुमार समेत प्रखंड व अंचल कर्मी नाव पर सवार होकर चिन्हित ऊंचे स्थानों पर पहुंच रहे तथा सामुदायिक किचन में भोजन की व्यवस्था की गई है। बीडीओ व सीओ ने बताया कि गंडक नदी की पेटी में बसे तीनों गांव जलस्तर में आंशिक बढ़ोतरी होते ही जलमग्न हो जाते हैं। बीते वर्षों के अनुभव को देखते हुए इस बार प्रशासनिक महकमा चौकस था। बारिश के बीच जान जोखिम में डालकर लोगों को ऊंचे स्थानों तक पहुंचाया गया तथा उनके लिए सामुदायिक रसोई में भोजन की व्यवस्था की गई है। प्रतिदिन दोनों पहर औसतन दो सौ लोगों के लिए भोजन पक रहा है। कर्मी मौके पर कैंप कर रहे हैं। हालांकि गुरुवार को बारिश थमने के बाद नदी के जलस्तर में गिरावट दर्ज की जा रही है। पानी उतरने के बाद लोग अपने घरों को रवाना हो जाएंगे।

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बॉक्स :-

नगर के वार्ड संख्या चार कैलाशनगर, चिरान टोल व खलवा टोला में विगत दो दिनों से गंडक नदी का पानी जमा हुआ है। लोगों के घरों में पानी घुस जाने से भोजन-पानी की समस्या है। गुरुवार को लगातार दूसरे दिन चूल्हा नहीं जला। बुधवार को प्रभारी सीआइ सह राजस्व कर्मचारी जयप्रकाश प्रकाश ने मौके पर पहुंचकर वस्तुस्थिति का जायजा लिया। लेकिन, अबतक कोई भी राहत पीड़ितों को नहीं मिली है। वार्ड पार्षद प्रतिनिधि जितेंद्र राम ने बताया कि निजी स्तर पर सूखा राशन मुहैया कराया गया है। लेकिन, प्रशासनिक मदद का इंतजार है। दूसरी ओर, वार्ड संख्या सात के पार्षद प्रतिनिधि नागेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि कई लोगों के घरों में नदी का पानी प्रवेश कर गया है। जिसके कारण चूल्हा ठंडा पड़ा हुआ है।

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बयान :-

नियमानुसार कम से कम 72 घंटे जलजमाव के बाद ही राहत उपलब्ध कराया जा सकता है। कर्मियों को बाढ़ग्रस्त इलाकों से जुड़ी रिपोर्ट देने को कहा गया है। हर संभव सहायता मुहैया कराई जाएगी।

राकेश कुमार, अंचलाधिकारी, बगहा दो।


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