अब वीटीआर में एम स्ट्रीप से होगी पेट्रोलिग की मॉनीटरिग
बेतिया। अब वीटीआर में की जा रही पेट्रोलिग की मॉनीटरिग एक साफ्टवेयर के माध्यम से की जाएगी।
बेतिया। अब वीटीआर में की जा रही पेट्रोलिग की मॉनीटरिग एक साफ्टवेयर के माध्यम से की जाएगी। एम स्ट्रीप के नाम से जाने वाले इस साफ्टवेयर में इस बात की जानकारी मिलती रहेगी कि कौन -कौन सुरक्षा कर्मी कहां-कहां गए? उन्होंने कितनी दूरी तय की? वीटीआर प्रशासन ने बहरहाल 100 ऐसे एन्ड्रयड सेट की खरीदारी की है। इस सुविधा के मिल जाने के बाद प्रतिदिन 2 से 3 हजार किलोमीटर पेट्रोलिग हो सकेगी। इस व्यवस्था में सबसे अहम बात यह है कि जिन वन कर्मियों एवं वन सुरक्षा में लगे कर्मियों के द्वारा गश्ती की जाएगी, उसकी मॉनीटरिग वीटीआर मुख्यालय में बैठे अधिकारी कर लेंगे। अब तक इसकी सूचना मुख्यालय को नहीं मिल पा रही थी। मोबाइल से संपर्क करने से वास्तविक स्थिति का पता नहीं चल रहा था। वीटीआर प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार यह क्षेत्र करीब 850 वर्ग किलोमीटर में विस्तृत है। यहां वन्य प्राणियों एवं बाघों की सुरक्षा के लिए निरंतर गश्ती आवश्यक है। इस सुविधा से लैस हो जाने के बाद वन्य प्राणियों की गतिविधियों की भी जानकारी मिलती रहेगी।
इनसेट
48 एंटी पोचिग कैंप में उपलब्ध कराई जाएगी ये सुविधा
एन्ड्रयड सेट में विकसित यह साफ्टवेयर की सुविधा एंटी पोचिग कैंप में तैनात वन कर्मियों को भी दिया जाएगी। बहरहाल वाल्मीकि टाईगर रिजर्व क्षेत्र में 48 एंटी पोचिग कैंप हैं। एंटी पोचिग कैंप में वन सुरक्षा कर्मी तैनात रहते हैं, जिनके माध्यम से बाघों एवं अन्य वन्य प्राणियों की गतिविधियों का जायजा लिया जाता है। उन्हें नाईट कैमरे भी दिए गए हैं। लेकिन उनके द्वारा समय पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया जाता है या नहीं, इसकी जानकारी मिलती रहेगी।
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कोट
वीटीआर में जानवरों की सुरक्षा एवं संरक्षण को लेकर बेहतर प्रयास किया गया है। अब पेट्रोलिग की मॉनीटरिग की आन लाइन व्यवस्था की गई है।
-- एचके राय, क्षेत्र निदेशक, वीटीआर