लगातार पांचवें दिन सूर्यदेव के दर्शन नहीं, कनकनी बरकरार
15 जनवरी को घने कोहरे के बीच दोपहर बाद सूर्यदेव दर्शन दिए। लोगों में ताजगी आई उसी के साथ आम आदमी के चेहरे भी खिल उठे लेकिन दूसरे दिन से घना कुहासा पछुआ हवा की मार ने पूरी तरह से क्षेत्र को ठंड के आगोश में ले लिया है। हालत यह है कि पांच दिनों से धूप नहीं निकल रही है। लगातार पछुआ हवा चलने के कारण कंपकंपी काफी बढ़ गई थी।
बगहा । 15 जनवरी को घने कोहरे के बीच दोपहर बाद सूर्यदेव दर्शन दिए। लोगों में ताजगी आई, उसी के साथ आम आदमी के चेहरे भी खिल उठे, लेकिन दूसरे दिन से घना कुहासा पछुआ हवा की मार ने पूरी तरह से क्षेत्र को ठंड के आगोश में ले लिया है। हालत यह है कि पांच दिनों से धूप नहीं निकल रही है। लगातार पछुआ हवा चलने के कारण कंपकंपी काफी बढ़ गई थी। स्थिति यह हो गई है कि घर के भीतर अधिक ठंड है या बाहर यह कह पाना मुश्किल है। अधिकतम तापमान 14 से 16 तथा न्यूनतम सात डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। लगातार बर्फीली पछुआ हवा चलने से शरीर में ठंड की चुभन सी महसूस होने लगी है। चाहे दिन हो या रात तापमान में भले ही परिवर्तन होता रहा हो लेकिन, ठंड का अहसास कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इसका सीधा असर लोगों की दिनचर्या पर पड़ने लगा है। दिन के 12 बजे भी कोहरा का प्रभाव अधिक होने के कारण वाहनों के लाइट जलते हुए दिख रहे। सरकारी दफ्तरों व सक्षम लोगों के घरों में हीटर व ब्लोअर जल रहा है। सामान्य दर्जे के व्यक्ति आग को अपना सहारा मानने को विवश हैं। प्रशासन द्वारा अलाव जलाने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन आम लोगों की ठिठुरन कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है। इधर जलावन की समस्या विकराल होने के कारण कई जगहों पर कागज, कूड़ा या झाड़ पत्ता जलाते हुए देखा गया है।
ग्रामीण कृषि सेवा व भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार आगामी 25 जनवरी से पहले मौसम में सुधार की संभावना कम है। ऐसे में अगर 23 को बारिश हुई तो ठंड से आराम मिल सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि बरसात के बाद बादल छंटने से मौसम साफ व सूर्य के धूप में तेजी आ सकती है। वैसे आगामी दो तीन दिनों में तापमान में कोई खास परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। हालांकि, ठंड से बचाव को लेकर नगर परिषद द्वारा कुछ जगहों पर अलाव की व्यवस्था की गई है। लेकिन, ठंड के कारण यह व्यवस्था नाकाफी है। ग्रामीण क्षेत्रों यथा हरनाटांड़, रामपुर, सिधांव, मिश्रौली, नौतनवा, सेमरा, सौरहां, चिउटहां आदि क्षेत्रों में कहीं भी सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था नहीं होने से लोग आक्रोशित हैं।