बंद रहेंगे सिद्ध देवी स्थलों के पट, पूजा-अर्चना पर पाबंदी
बगहा। चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो गई है। जैसा देखा जा रहा है या जिस हिसाब से सरकारी गाइड
बगहा। चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो गई है। जैसा देखा जा रहा है या जिस हिसाब से सरकारी गाइडलाइन व प्रशासनिक हलचल दिख रहा है उसके हिसाब से इस बार भी कोरोना के साये में ही इसका आयोजन होगा। पिछली बार लॉकडाउन के चलते मंदिर बंद थे। बहुत से लोगों ने घरों में पूजा की थी। इस बार सरकार ने बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 30 अप्रैल तक मंदिरों को बंद रखने का आदेश दिया है। जिसके कारण भक्त घर में ही कलश स्थापित कर पूजा करने की तैयारी कर लिए हैं। विभिन्न देवी मंदिरों के पुजारी और पंडित तमाम लोगों से अपील कर सलाह दे रहे हैं कि धैर्य व संयम से काम लेते हुए घरों में ही घट स्थापना करते हुए देवी की आराधना करें। पिछली बार लॉकडाउन में भी लोगों ने जिस संयम व श्रद्धा के साथ पूजा की थी, उसी तरह इस बार भी करने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
नगर के शास्त्रीनगर निवासी रविद्र प्रसाद व अरविद तुलस्यान ने बताया कि पिछले साल जिस प्रकार घर में ही कलश स्थापना कर पूजा की गई थी। उसी प्रकार इस बार भी पूजा करने की तैयारी कर ली गई है। वहीं नरईपुर निवासी इंदू देवी ने कहा कि विगत वर्ष बिना पंडित के स्वयं ही पाठ कर पूजा किया गया। सब कुछ तो ठीकठाक रहा लेकिन, पाठ के प्रति संतोष नहीं हो सका। हमेशा उच्चरण या पठन पाठन में त्रुटि का भय बना रहता था। जिसको ध्यान में रखते हुए इस बार एक पंडित के द्वारा घर पर ही कलश स्थापना कर पूजा की योजना बनी ह। इससे संबंधित सारी तैयारी भी पूरी कर ली गई है। रामपुर निवासी देवा कुमार ने बताया कि इस बार घर से ही पूजा करने की तैयारी है।
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बाजार में नहीं दिख रही रौनक :-
नवरात्र को लेकर मंदिरों को बंद रखने का आदेश निर्गत होने के बाद लोगों में उल्लास की कमी देखी गई। अधिकतर लोग बाजारों से दूरी बनाते देखे गए जिसका नतीजा हुआ कि बाजार सुनसान दिखती रही वहीं दुकानदार ग्राहकों के आने का प्रतीक्षा करते पाए गए। फल, फूल व पूजन सामग्री के दुकानों में अन्य वर्षों की भांति इस वर्ष रौनक नहीं देखी गई। हलांकि कीमत में वृद्धि होने को भी कुछ लोग कारण मान रहे हैं।
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फूल का व्यवसाय चौपट :
नवरात्र में फलों की मांग बढ़ जाती है। लेकिन, इस वर्ष कोरोना ने इस पर ग्रहण लगा दिया। बगहा बाजार निवासी फूल व्यवसायी अरुण कुमार ने कहा कि चैत्र नवरात्रि में अब तक एक हजार का भी ऑर्डर नहीं मिला। जबकि दो साल पूर्व इस अवसर पर चार दिन पहले से ही विभिन्न श्रद्धालुओं द्वारा फूलों का ऑर्डर मिलना प्रारंभ हा गया था। विगत वर्ष भी कोरोना महामारी ने परिवार को भुखमरी के कगार पर खड़ा कर दिया था। इस वर्ष भी वैसा ही हालात बनने लगा है। मदनपुर स्थान पर फूल की दुकान लगाकर प्रतिदिन सैकड़ों की कमाई करने वाला राजू भगत ने बताया कि चार दिन से हालत खराब है ग्राहक का आना बंद हो जाने से परिवार का पालन पोषण मुश्किल हो गया है।