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कौशल विकास केन्द्र पर लगे ताले, रोजगार के पड़े लाले

बगहा। पिपरासी, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत युवाओं को स्किल डेवलपमेंट ट्रे¨नग देकर रोजगार देने का उद्देश्य धरातल पर नहीं उतरता दिख रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 12:27 AM (IST)Updated: Thu, 03 Jan 2019 12:27 AM (IST)
कौशल विकास केन्द्र पर लगे ताले, रोजगार के पड़े लाले
कौशल विकास केन्द्र पर लगे ताले, रोजगार के पड़े लाले

बगहा। पिपरासी, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत युवाओं को स्किल डेवलपमेंट ट्रे¨नग देकर रोजगार देने का उद्देश्य धरातल पर नहीं उतरता दिख रहा है। इसका उदाहरण पिपरासी में बना कौशल विकास योजना प्रशिक्षण भवन है जिस पर अब तक ताला लटक रहा है। कमोबेस गंडक पार के अन्य प्रखंडों का भी यहीं हाल है। यहां प्रशिक्षण तो शुरू हो गया था लेकिन प्रशिक्षक की कमी के कारण महज प्रशिक्षण का कोरम ही पूरा किया गया। फिर इस केंद्र को बंद कर इसके कर्मी फरार हो गए है। बुधवार को कौशल विकास योजना प्रशिक्षण भवन का जायजा लिया तो सच्चाई सामने आई। प्रखंड मुख्यालय परिसर स्थित कौशल विकास केंद्र में महीनों से ताला लटक रहा है । इस केंद्र से बच्चों को प्रशिक्षण नहीं दिया जा रहा है । महीनों से केंद्र में ताला बंद कर इसके कर्मी गायब हैं । यहां बच्चों को प्रशिक्षण प्राप्त नहीं हो रहा है । केवल नाम का यह केंद्र रह गया है । कुछ दिन तक यह केंद्र चला ।उसके बाद फिर से बंद कर दिया गया । प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बच्चे भटक रहे हैं। केंद्र सरकार की यह योजना यहां धरातल पर नजर नहीं आ रहा है । केंद्र के कोई कर्मी यहां उपस्थित हैं। जिससे यह जानकारी लिया जाए कि किन कारणों से इस केंद्र में ताला लटका हुआ है । बच्चों का भविष्य अंधकार में हो गया है । ग्रामीण सुरेश गिरी, र¨वद्र यादव ,विजय कुशवाहा, कैलाश कुशवाहा, उमेश कुशवाहा, संदीप कुमार, प्रेमचंद प्रसाद यादि ने कहा कि हमेशा यह केंद्र बंद रहता है । यह भवन बेकार साबित हो रहा है । युवक और युवती बेरोजगार घुम रहे है ।

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प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का हाल पीएमकेवीवाई - सरकार की महत्वाकांक्षी स्किल ट्रे¨नग स्कीम है। इसके अंतर्गत केंद्र सरकार स्किल ट्रे¨नग कोर्सेज प्रदान किया जाता है जिससे भारत के कुशल नौजवान अपने कौशल को बढ़ावा दे सकें। यह ट्रे¨नग केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है। यहां छात्रों को स्किल इंडिया के तहत कौशल बनाने के लिए ट्रे¨नग दी जाती है। यहां प्रशिक्षण भवन में पिछले दिनों प्रशिक्षण शुरू किया गया। लेकिन दो माह तक प्रशिक्षण देने के बाद केंद्र को बंद कर दिया गया। प्रशिक्षु छात्र इधर उधर भटक रहे हैं। करीब 50 लाख की लागत से प्रशिक्षण भवन बनाया गया है। लेकिन बनने के बाद से ही इसपर ताला लटक रहा है।

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केंद्र पर कोई मिलता नहीं

शिक्षित बेरोजगार युवक मनोज कुमार, संजय यादव, पूनम कुमारी, संध्या कुमारी, राजेश राम आदि का कहना है कि वे लोग प्रशिक्षण लेकर आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं। कई बार प्रशिक्षण केंद्र पर आए। लेकिन हर बार ताला ही लटकता हुआ मिला। ब्लॉक में जाकर अधिकारियों से शिकायत भी की। अधिकारियों को भी पता नहीं है कि यह केंद्र क्यों बंद है।

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इनसेट बयान:

कौशल विकास केंद्र के भवन में ताला की सूचना मिली है। उसके कर्मियों की खोज की जा रही है। प्रशिक्षण का कार्यक्रम सीधे तौर पर जिला से नियंत्रित होता है। इस लिए इसकी कोई खास जानकारी नहीं है।

-- बीके राम, बीडीओ, पिपरासी


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