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गंडक नदी में आई बाढ़ से वीटीआर का बड़ा हिस्सा जलमग्न

नेपाल में बारिश से इन दिनों गंडक नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। वहीं पहाड़ी नाला का बहाव भी उफान पर है। जंगल में बाढ़ के चलते स्थिति यह बन गई कि वनकर्मियों को पेट्रोलिग में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 12:34 AM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 05:14 AM (IST)
गंडक नदी में आई बाढ़ से वीटीआर का बड़ा हिस्सा जलमग्न
गंडक नदी में आई बाढ़ से वीटीआर का बड़ा हिस्सा जलमग्न

बगहा । नेपाल में बारिश से इन दिनों गंडक नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। वहीं पहाड़ी नाला का बहाव भी उफान पर है। जंगल में बाढ़ के चलते स्थिति यह बन गई कि वनकर्मियों को पेट्रोलिग में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। गंडक नदी का पानी वीटीआर के चुलभट्ठा, भेड़िहारी ,मदनपुर आदि इलाके में भरा हुआ है। हर साल आने वाली बाढ़ से वन और वन्यजीवों को भारी नुकसान हो रहा है। पिछले बीस पच्चीस वर्षों में भारत नेपाल सीमा पर बाढ़ का प्रकोप ज्यादा बढ़ा है। वीटीआर का एक बड़ा हिस्सा बाढ़ की चपेट में आ गया है। बाढ़ के चलते वन्यजीवों के आवास और चारे की समस्या भी पैदा हो गई है। वन्यजीव सुरक्षित स्थानों पर पलायन के प्रयास में शिकारियों के निशाने पर आ रहे हैं। इससे वन संपदा को काफी नुकसान हो रहा है। राहत की बात है कि बाढ़ के कारण अभी तक किसी वन्य जीव की मत्यु की सूचना नहीं है। और सभी वन्य जीव सुरक्षित स्थानों पर है। बाढ़ के कारण वन्य कर्मियों की गश्त को बढ़ा दिया गया है ताकि वे इस बात पर नजर रख सकें कि किसी वन्य जीव को बाढ़ प्रभावित न करे और शिकारियों से भी उन्हें बचाया जा सके। इसके लिए वन्य कर्मियों को नाव, जाल, रस्सी, मेडिकल किट, लाइफ जैकेट आदि से लैस कर दिया गया है। शिकारियों ने वन्य जीवों को बचाने के लिए पैदल और हाथियों पर वन्यकर्मियों की गश्त भी बढ़ा दी गयी है। ---------------------------------

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झंडू टोला बीओपी हुआ पानी पानी, एसएसबी कैंप भी जलमग्न

वाल्मीकिनगर संवाद सूत्र: गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि से एसएसबी के झंडहवा टोला स्थित कैंप सहित पांच गांव फिर से जलमग्न हो गए हैं। बाढ़ का पानी गांवों में फैलने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो चला है। इस बाबत एसएसबी 21 वीं वाहिनी बी कंपनी झंडहवा टोला के सहायक सेनानायक शंभू चरण मंडल ने बताया कि झंडू टोला बीओपी में पानी घुस गया है। गश्त एवं अन्य आवश्यक कार्यों के लिए नाव का इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं चकदहवा, कान्ही टोला , बीन टोला, झंडहवा टोला गांव में भी पानी से सराबोर हो गया है । वीटीआर के जंगल में पानी घुसने के कारण वन्य जीव ऊंचे स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं। सैकड़ों एकड़ में लगी फसलें भी डूब गई है। बीडीसी गुलाब अंसारी ने बताया कि लोग ऊंचे स्थान में अपने परिवार व मवेशियों के साथ रह रहें हैं। पानी लगातार बढ़ ही रहा है । गंडक नदी का जलस्तर में वृद्धि के बाद नदी का पानी निचले इलाकों में प्रवेश करने लगा है। झंडू टोला बीओपी भी पानी पानी हो गया है । वहीं ठाढी स्थित एसएसबी कैंप भी जलमग्न हो गया है । गंडक नदी का जलस्तर साढ़े तीन लाख क्यूसेक के पार जाने से निचले इलाकों में तबाही से इन्कार नहीं किया जा सकता है। नेपाल से मिली जानकारी के मुताबिक लगातार बारिश के बाद गंडक नदी का जलस्तर में वृद्धि जारी है। वाल्मीकि नगर गंडक बराज का डिस्चार्ज बढ़कर तीन लाख 69 हजार क्यूसेक को पार कर गया है। गंडक नदी खतरे के निशान के पास पहुंच गई हैं। जिसके कारण वाल्मीकिनगर गंडक बराज पर लगातार जलस्तर में वृद्धि दर्ज की जा रही है। आने वाले 24 घंटे में जलस्तर में कमी की कोई संभावना नहीं है। जलस्तर स्तर में वृद्धि के बाद दर्जनों गांव में पानी घुस गया है।


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