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हर युग में भक्तों की रक्षा के लिए अवतरित होते हैं भगवान

बगहा । नगर के श्रीनगर स्थित वन विकास भारती परिसर में आयोजित भागवत कथा के चौथे दिन अयोध्या धाम से पधारे आचार्य शिवेन्द्रजी ने भगवान के अवतारों की कथा सुनाई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Oct 2021 11:12 PM (IST)Updated: Fri, 29 Oct 2021 11:12 PM (IST)
हर युग में भक्तों की रक्षा के लिए अवतरित होते हैं भगवान
हर युग में भक्तों की रक्षा के लिए अवतरित होते हैं भगवान

बगहा । नगर के श्रीनगर स्थित वन विकास भारती परिसर में आयोजित भागवत कथा के चौथे दिन अयोध्या धाम से पधारे आचार्य शिवेन्द्रजी ने भगवान के अवतारों की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि भगवान का अवतार भक्तों के वचन की मर्यादा रखने के लिए होती है। जिस प्रकार ब्रह्मा पुत्र सनत सनातन कुमार द्वारा अपने पार्षद जय और विजय को मिले श्राप की रक्षा व उद्धार करने के लिए अवतार लेना पड़ा। ठीक उसी प्रकार भृगु ऋषि के अभिशाप की लाज रखने हेतु रामावतार में पत्नी वियोग सहन किए। श्री भगवान के प्रत्येक अवतारों की चर्चा करते हुए आचार्य ने कहा कि प्रथम अवतार में भगवान मीन (मछली) अवतार ग्रहण कर सृष्टि की रक्षा करने के साथ वेदों को प्रकट किया। दूसरे अवतार में वराह रूप में प्रकट होकर हिरण्य कश्यप के बड़े भाई हिरणाक्ष्य का वध कर पृथ्वी की रक्षा की। तीसरे अवतार में भगवान ने नरसिंह अवतार लेकर भक्त प्रहलाद की रक्षा की और हिरण्यकश्यपु का उद्धार किया। चौथे अवतरण में उन्होंने कच्छप रूप में अपनी पीठ पर पर्वत धारण करते हैं और हीनभावना से ग्रसित हो चले देवताओं को अमृत का पान कराकर अमर बनाते हैं। श्री विष्णु भगवान अपने पांचवें अवतार में वामन अवतार धारण कर महादानी राजा बलि को मुक्ति दिलाते हुए देवताओं को पुन: स्वर्ग का साम्राज्य प्रदान किया। परशुराम अवतार के रूप में श्रीहरि ने राजा के रूप में स्थापित कतिपय दुष्ट क्षत्रियों का संहार किया। सातवां अवतार भगवान राम के रूप में आकर अयोध्या के चक्रवर्ती सम्राट दशरथ के यहां चार अंशों व बारह कलाओं युक्त मर्यादा पुरुषोत्तम राम के रूप में रावण और कुंभकरण का उद्धार किए। आचार्य ने तत्पश्चात भगवान कृष्ण के अवतार की कथा प्रारंभ करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण अपनी सोलह कलाओं से युक्त चंद्रवंशी यादव कुल में वासुदेव के घर जन्म लिए। कथा के यहां पहुंचते ही श्रोताओं से लेकर श्रद्धालुओं के मुंह से बरबस ही नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की का धुन निकलने लगा। हर ओर भक्तों व श्रोताओं द्वारा पटाखे व फुलझड़ियां छुटने लगी। तब महिलाएं सोहर गाने लगी।

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बाक्स में

प्रभु का रूप देख हर्षित हुए भक्त

कथा वाचन का माहौल जन्मोत्सव में तब्दील हो गया। देखते देखते श्रद्धालु अपने साथ लाए उपहार भगवान अर्पित करने हेतु हुए अधीर होने लगे तो महिला भक्त भगवान के बाल रूप दर्शन हेतु उतावला होने लगी। आयोजक मंडल की तरफ से जन्मोत्सव के लिए वृहद व्यवस्था की गई थी। मंच को गुब्बारों से सजाया गया था और जैसे ही भगवान श्री कृष्ण प्रकट हुए श्रद्धालुओं को भाव विभोर होते हुए देख बासुदेव व बाल कृष्ण की झांकी प्रस्तुत की गई। जिसमें डॉ. पद्मभानु सिंह ने बासुदेव की भूमिका निभाई।

कार्यक्रम में एसएसबी 21 वीं वाहिनी के कमांडेंट प्रकाश, सहायक कमांडेंट चरण सिंह फगेरिया, नगर थानाध्यक्ष आनंद कुमार, एसआइ सुरेश यादव, शिक्षक अभय राव, शिक्षक नागेंद्र सिंह, शिवाकांत तिवारी, नंदलाल प्रसाद, टुनटुन प्रसाद, हरिकिशुन प्रसाद, रामेश्वर प्रसाद, गणेश सिंह, अधिवक्ता हरि प्रसाद, राजन श्रीवास्तव आदि मौजूद थे। आयोजक अरविद कुमार सिंह, अरुण कुमार सिंह व आचार्य शिवेंद्र के द्वारा नैतिक जागरण मंच वेलफेयर ट्रस्ट के सचिव निप्पू कुमार पाठक को पक्षी और पर्यावरण संरक्षण के लिए अंग वस्त्र से सम्मानित किया गया।


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