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अधिवक्ता को हिरासत में लेकर कागज पर कराया जबरन हस्ताक्षर

बेतिया। वरिष्ठ अधिवक्ता सलील श्रीवास्तव को अपने खेत पर जाने के दौरान हिरासत में लेकर उनसे जोर जबरदस्ती करने तथा कागजातों पर बिना पढ़ने का अवसर दिए जबरन हस्ताक्षर करा लेने का मामला तुल पकड़ लिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 10:37 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 10:37 PM (IST)
अधिवक्ता को हिरासत में लेकर कागज पर कराया जबरन हस्ताक्षर
अधिवक्ता को हिरासत में लेकर कागज पर कराया जबरन हस्ताक्षर

बेतिया। वरिष्ठ अधिवक्ता सलील श्रीवास्तव को अपने खेत पर जाने के दौरान हिरासत में लेकर उनसे जोर जबरदस्ती करने तथा कागजातों पर बिना पढ़ने का अवसर दिए जबरन हस्ताक्षर करा लेने का मामला तुल पकड़ लिया है। अधिवक्ता सलील श्रीवास्तव के इस बाबत एक आवेदन जिला विधिज्ञ संघ को दिया है। जिसे संघ ने गंभीरता से लिया है। मंगलवार की सुबह दस बजे जिला विधिज्ञ संघ की एक आपात बैठक हुई। जिसमें पीड़ित अधिवक्ता सलील श्रीवास्तव भी उपस्थित हुए और लौरिया थानाध्यक्ष द्वारा किए गए दु‌र्व्यवहार की दास्तान सुनायी। अधिवक्ताओं ने लौरिया थानाध्यक्ष के मनमानी के खिलाफ सख्त नाराजगी व्यक्त की और विरोध में न्यायिक कार्य से अपने को अलग रखा। अधिवक्ता सलील श्रीवास्तव ने बताया कि 14 जनवरी को वे लौरिया थाना अंतर्गत परसा मठिया गांव स्थित अपनी भूमि पर गेहूं की बोआई करा रहे थे। तभी दो-तीन व्यक्ति आए और गेहूं बोआई कार्य को बाधित करने लगे। जिसकी सूचना लौरिया थानाध्यक्ष अभिमन्यु कुमार को अधिवक्ता मनोज राव द्वारा दी गई। एक घंटे के बाद थानाध्यक्ष आए और उन्हें गाड़ी पर बैठा लिए और थाने पर ले गए। वहां थानाध्यक्ष ने उनके साथ दुव्यर्वहार करने लगे। गाली-गलौज का जब उन्होंने विरोध किया तो थानाध्यक्ष ने कॉलर पकड़ कर उनके साथ धक्का-मुक्की भी की। थाना के अंदर कमरे में खींचकर जबरन बैठा दिया। इस क्रम में उनका मोबाइल व पर्स दोनों निकाल लिया। उनके साथ थाने पर गए कुछ लोग इसकी जानकारी अधिवक्ताओं को दी। अधिवक्ता थानाध्यक्ष से मिले, लेकिन थानाध्यक्ष शांत नहीं हुए और आक्रोशित होकर उनसे बात किए। इस दौरान उन्हें थाने से छोड़ने के एवज में 50 हजार रूपये की मांग करने लगे। मौके पर उपस्थित अधिवक्ता मनोज राव, प्रेमप्रकाश तिवारी ने अधिवक्ता होने का हवाला देते हुए किसी प्रकार से घुस देने से इंकार कर दिया। तब अधिवक्ताओं दो घंटे तक नजायज हिरासत में रखने का कारण पूछा तो थानाध्यक्ष ने उनलोगों को थाना से बाहर जाने को कहा। इसी बीच थानाध्यक्ष ने उनसे दो-तीन कागज पर जबरन हस्ताक्षर करा लिया और फिर नोटिस के रूप में पूर्व से तैयार कर एक गलत कागज पर भी उनसे हस्ताक्षर करा लिया और उसकी एक प्रति उन्हें दे दिया। अधिवक्ता सलील श्रीवास्तव के आवेदन पर विचार करने के बाद संघ का एक शिष्टमंडल जिला जज से मुलाकात की और उन्हें वस्तु स्थिति से अवगत कराया। उन्हें अधिवक्ता की सुरक्षा के लिए एक प्रतिवेदन भी सौंपा। जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष मदन मोहन मिश्र ने बताया कि प्रतिवेदन की एक प्रति एसपी, डीआईजी, आईजी, डीजीपी तथा बिहार सरकार के गृह सचिव, मुख्य सचिव तथा उच्च न्यायालय को प्रेषित किया जाएगा।

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