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मोती की खेती से बदलेंगी किसानों की तकदीर

बेतिया। नौतन प्रखंड के किसान अब मछली पालन के साथ साथ मोती की खेती कर अपना तकदीर बदल सकते हैं। इसके लिए कृषि विभाग की ओर से मछली पालन करने वाले सभी किसानों से मोती की खेती के लिए पहल की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 11:44 PM (IST)Updated: Fri, 11 Oct 2019 06:16 AM (IST)
मोती की खेती से बदलेंगी किसानों की तकदीर
मोती की खेती से बदलेंगी किसानों की तकदीर

बेतिया। नौतन प्रखंड के किसान अब मछली पालन के साथ साथ मोती की खेती कर अपना तकदीर बदल सकते हैं। इसके लिए कृषि विभाग की ओर से मछली पालन करने वाले सभी किसानों से मोती की खेती के लिए पहल की जा रही है। मछली के साथ साथ किसान सीप पालन कर उसमें से मोती का उत्पादन करेंगे तथा मोती को अच्छी कीमत पर बेचेंगे। उपजे मोती को बेचने के लिए भी किसानों को परेशान नहीं होना होगा। प्रशासन उसकी बिक्री की व्यवस्था करेगा। मोती पालन के लिए किसानों को छोटे या बडे पोखर की जरूरत है जहां वे आसानी से मछली पालन के साथ साथ सीप पालन भी कर सकते हैं। सीप को किसान एक छिद्रनुमा थैले में भरकर एक रस्सी के सहारे उस पोखर में लटका देंगे जिससे वह जीवित रह सके। करीब नौ माह से लेकर एक वर्ष तक सीप की देखभाल करनी पड़ेगी। सीप पालन के लिए किसान को जीवित सीप खरीदना पडे़गा। सीप की जांच करा कर उसमें बीट डाला जाएगा। इस बीट के कारण ही प्रत्येक सीप मे मोती की उत्पति होगी। समय सीमा के अनुसार सीप पालन करने के बाद किसी किसी सीप मे दो मोती भी निकलती है। मोती उजले या लाल रंग की भी हो सकती है जिसकी कीमत उजले मोती से ज्यादा होती है। फोटो 10बीईटी 13

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मोती की खेती करना ज्यादा कठिन नही है। इसके लिए किसान को तत्परता लानी होगी । तभी किसान समृद्ध हो सकते हैं।

-- कामेश्वर प्रसाद, किसान

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फोटो 10बीईटी14

मोती की खेती के लिए सीप की उपलब्धता जरूरी है। कृषि विभाग इस दिशा में पहल कर रहा है। बहुत जल्द ही किसानों को सीप मिलने लगेगा।

-- धर्मेद्र सिंह, किसान

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फोटो 10बीईटी 15

अभी सीप पालने की सुविधा पूर्वी चंपारण में है। कृषि विभाग अगर इस दिशा में ध्यान दे तो यहां के किसान भी सीप का पालन कर मोती का उत्पादन कर सकते हैं।

-- हरिश्चंद्र प्रसाद, पैक्स अध्यक्ष

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अगर कृषि विभाग की ओर से इस दिशा में पहल कर किसानों को मछली पालन के साथ साथ सीप पालन पर जागरूक किया जाय तो किसानों की स्थिति सुधरेगी।

-- शत्रुघ्न कुमार, किसान

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इनसेट

बयान

मोती का उत्पादन कर किसान अपनी आर्थिक स्थिति सुधार सकते हैं। इसके लिए किसानों को आत्मनिर्भर बनना जरूरी है। विभाग की ओर से किसानों को हर तरह की सहायता दी जाएगी।

-- मनोरंजन प्रसाद, प्रखंड कृषि पदाधिकारी


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