सावन में मेला व कावड़ यात्रा का नहीं होगा आयोजन
बगहा । पूरे उत्तर बिहार में अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध नीलकंठ नर्मदेश्वर मंदिर सालों भर भक्त श्रद्धालुओं से गुलजार रहता है।
बगहा । पूरे उत्तर बिहार में अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध नीलकंठ नर्मदेश्वर मंदिर सालों भर भक्त श्रद्धालुओं से गुलजार रहता है। केवल श्रावण माह में ही इस मंदिर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसमें नेपाल, यूपी के साथ सूबे के कई जिलों के लोग शामिल होते हैं। हजारों की संख्या में भक्त भी वाल्मीकिनगर के त्रिवेणी संगम से जल लाकर शिवलिग पर जलाभिषेक करते हैं, लेकिन कोरोना के कारण पिछले साल से ही इस पर रोक है। इस बार भी भक्तों को मायूसी ही हाथ लगेगी।
अप्रैल से कोरोना की दूसरे लहर के कारण लाकडाउन लगा दिया गया था। हालांकि अब मामले कम होने के साथ ही अनलाक चार चल रहा है, जो आगामी आठ अगस्त तक जारी है। इसमें धार्मिक स्थलों पर अभी भी आने जाने में तमाम तरह की पाबंदी है। वहीं पर्व त्योहारों को भी गाइडलाइन के अनुसार ही मनाया जा रहा है। सावन 25 जुलाई से आरंभ हो रहा है। ऐसे में कांवड़ यात्रा के साथ मेला व भक्त श्रद्धालुओं के बाबा भोलेनाथ के दर्शन व जलाभिषेक पर तमाम तरह के संशय के बादल लटके हैं। सावन में मंदिर पर जुटने वाली भीड़ से कोरोना के संक्रमण का खतरा है। इसलिए इसपर रोक लग सकती है। इसको लेकर शिवमंदिर प्रबंधन भी एहतियात बरत रही है। ऐसे में इस बार शिवलिग पर जल चढ़ाने के साथ मंदिर पर अन्य तरह के आयोजनों की संभावना भी कम है।
श्रावण माह में प्रत्येक साल शिव मंदिर पर भव्य मेले का आयोजन होता है। जिसमें विभिन्न प्रकार के झूला, सर्कस, जादूगर के साथ सैकड़ों की संख्या में दुकानें भी सजती हैं। जिसमें पूरे माह लोगों की भीड़ लगती है। दूर-दराज से लोग मेला देखने आते हैं। पर, इस बार यह सब नहीं होगा। संकीर्तन संघ का कहना है कि कोरोना को देखते हुए इस बार दुकानें नहीं सजेंगी। अगर पूजा अर्चना के लिए निर्देश प्राप्त होता है तो, वह भी सरकारी निर्देश के अनुसार होगा। रामलीला के साथ माह परायण महायज्ञ पर भी रोक
सावन के महीने में पूरे माह मास परायण महायज्ञ का आयोजन होता है। इसके अलावा रामलीला व अन्य तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी मंदिर परिसर पर आयोजित होते हैं। पर, इस बार आयोजन होने की संभावना नहीं है। बता दें कि नगर के इस ऐतिहासिक शिव मंदिर का काफी महत्व है। रामनगर राज घराने से संबंध रखने वाले इस मंदिर पर सालों भर शादी-ब्याह, पूजा-पाठ के साथ अन्य धार्मिक कार्यक्रम चलता रहता है। जिसमें सैकड़ों की भीड़ जुटती है।
अभी तक इस संबंध में कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। इस संदर्भ में निर्देश प्राप्त होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
विनोद मिश्रा, सीओ सरकारी निर्देश मिलने पर ही श्रद्धालु सादे तरीके से जल अर्पित कर सकेंगे। बाकी अन्य आयोजनों पर सरकार के निर्देश के बाद विचार किया जाएगा।
संदीप मिश्रा, कार्यकारी अध्यक्ष, संकीर्तन संघ