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इतिहास में बिरले मिलते सत्याग्रह जैसा उदाहरण : एसएफआई

छात्र संगठन एसएफआई के जिला सहसंयोजक विनय प्रताप ¨सह ने कहा कि जिस तरह से महात्मा गांधी ने ¨हदुस्तान में ब्रिटिश शासन को अपने अ¨हसा की नीतियों को अपनाते हुए संघर्ष किया, उसका बिरले ही उदाहरण मिलता है

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Oct 2018 12:22 AM (IST)Updated: Thu, 04 Oct 2018 12:22 AM (IST)
इतिहास में बिरले मिलते सत्याग्रह जैसा उदाहरण : एसएफआई
इतिहास में बिरले मिलते सत्याग्रह जैसा उदाहरण : एसएफआई

बेतिया । छात्र संगठन एसएफआई के जिला सहसंयोजक विनय प्रताप ¨सह ने कहा कि जिस तरह से महात्मा गांधी ने ¨हदुस्तान में ब्रिटिश शासन को अपने अ¨हसा की नीतियों को अपनाते हुए संघर्ष किया, उसका बिरले ही उदाहरण मिलता है। इसी आंदोलन के बल पर अंग्रेजों को ¨हदुस्तान छोड़कर 1947 में भागना पड़ा। महात्मा गांधी के जीवन से हम तमाम छात्राओं को सीख लेना चाहिए कि देश के अंदर अ¨हसा के पथ पर चलते हुए एक ऐसा ¨हदुस्तान का निर्माण हो। इसमें न जात पात छुआछूत ऊंच-नीच का कोई भेदभाव समाज के अंदर ना हो। वे महारानी जानकी कुंवर महाविद्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे छात्र नेता अभिमन्यु राव ने कहा कि महात्मा गांधी अपना संपूर्ण जीवन भारत एवं भारतवासियों के लिए न्यौछावर कर दिया। उनकी भूमिका अत्यंत सशक्त एवं महत्वपूर्ण रही। उन्होंने बताया कि गांधी को हर विचारधारा व हर वर्ग की आलोचना मिलने के बावजूद उन्होंने जननायक बनकर राष्ट्रीय आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाया और महात्मा बनकर उभरे। मौके पर नितेश चौहान ,ओम ठाकुर, श्रवण श्रीवास्तव, संजीव कुमार ,सोनू कुशवाहा ,भोला कुमार , रोशन कुमार, मुकेश कुमार, अमित ¨सह, राहुल कुमार आदि मौजूद रहे।

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